ब्रज अपनी अनूठी संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है. उसमें से मुख्य है 'ब्रज की होली'
ब्रज में होने वाला ये ऐसा महोत्सव है जिसमें लोगों के इष्ट आराध्य भी शामिल होते हैं.
ब्रज में होली महोत्सव का शंखनाद बसंत पंचमी से हो जाता है.
28 फरवरी को महा शिवरात्रि पर बरसाना के लाडली जी मंदिर में पहली होली खेली जाएगी.
7 मार्च को बरसाना के लाडली जी मंदिर में लड्डू होली खेली जाएगी.
8 मार्च को बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाएगी.
9 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली खेली जाएगी.
10 मार्च को वृन्दावन और बांकेबिहारी मंदिर में फूलों की होली खेली जाएगी.
11 मार्च को द्वारकाधीश मंदिर और गोकुल में होली खेली जाएगी.
12 मार्च को बांकेबिहारी मंदिर में होली और ढोल उत्सव होगा.
13 मार्च को पूरे ब्रज में होलिका दहन होगा.
14 मार्च को धुल्हड़ी-रंगों की होली मनाई जाएगी.
15 मार्च को बलदेव का दाऊजी मंदिर में हुरंगा खेला जाएगा.
17 मार्च को जाओ गांव में पारंपरिक हुरंगा खेला जाएगा.
18 मार्च को मुखराई में चरकुला डांस होगा.
19 मार्च को बातैन में हुरंगा खेला जाएगा.
20 मार्च को गिदोह में हुरंगा खेला जाएगा.
22 मार्च को वृन्दावन के रंगनाथजी मंदिर में होली खेली जाएगी.
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