बर्बरीक कैसे बन गए भगवान खाटू श्याम

कलियुग में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले भगवान खाटू श्याम जी हैं. 

राजस्थान के सीकर में खाटू नरेश के दर्शन के लिए लंबी लाइनें लगती हैं.

खाटू श्याम का रिश्ता महाभारत काल से है? उनका असली नाम बर्बरीक था 

बर्बरीक भीम का पौत्र और घटोत्कच का पुत्र था.वह मां दुर्गा का परम भक्त था.

उनकी भक्ति और तपस्या से प्रसन्न होकर देवी दुर्गा ने उन्हें तीन दिव्य बाण दिए थे.

जब महाभारत का युद्ध शुरू हुआ तो माँ दुर्गा ने बर्बरीक से पांडवों का साथ देने को कहा 

बर्बरीक ने प्रण लिया था कि जो युद्ध में हारेगा वह उसकी ओर से लड़ेंगे.

भगवान कृष्ण जानते थे कि अगर बर्बरीक कौरवों की तरफ से लड़ेगा तो पांडवों की हार निश्चित है

भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप धारण किया और बर्बरीक से उसका सिर मांग लिया था.

बर्बरीक को पता था कि ब्राह्मण वेश में कौन है? इसलिए उन्होंने श्री कृष्ण से अपने वास्तविक रूप में आने को कहा.

इसके बाद बर्बरीक ने श्रीकृष्ण को अपना शीश दान कर दिया.

इससे प्रसन्न होकर भगवान कृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया था कि कलियुग में जो भी तुम्हारी पूजा करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

तब से कलयुग में खाटू श्याम के रूप में बर्बरीक को पूजा जाता है.

इस साल भगवान खाटू श्याम का जन्मोत्सव 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी पर मनाया जाएगा.

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