जानिए मेवाड़ राजघराने के सदस्यों में किसके बीच है वर्चस्व की लड़ाई
उदयपुर के पूर्व राजघराने और महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच उत्तराधिकार की लड़ाई सड़कों पर आ गई है.
40 साल से जारी विवाद 25 नवंबर को विश्वराज सिंह मेवाड़ के दस्तूर कार्यक्रम के बाद सुर्खियों में आ गया.
लोग उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के उन सदस्यों के बारे में जानना चाहते हैं जिनका विवाद चर्चा में है.
मेवाड़ के राजघराने पर 1930 से 1955 तक महाराणा भूपाल सिंह का शासन रहा जिनका कोई बेटा नहीं था.
भूपाल सिंह और उनकी पत्नी वीरद कुंवर ने अपने ही परिवार के सदस्य प्रताप सिंह के बेटे भगवत सिंह को गोद लिया.
भगवत सिंह 1955 से 1984 तक मेवाड़ के पूर्व राजघराने के प्रमुख रहे. उनके दो बेटे और एक बेटी थी.
भगवत सिंह के बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ चित्तौड़गढ़ से सांसद थे. 10 नवंबर को उनका निधन हो गया.
छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और वसीयत में दी गई संपत्तियों के केयरटेकर हैं.
योगेश्वरी भगवत सिंह और सुशीला कुमारी की बेटी हैं.
इसके बाद भगवत सिंह के बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ का एक बेटा और एक बेटी हैं.
महेंद्र सिंह मेवाड़ के बड़े बेटे विश्वराज सिंह राजस्थान की नाथद्वारा सीट से विधायक हैं.
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वहीं अरविंद सिंह मेवाड़ का एक बेटा लक्ष्यराज सिंह हैं.
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महेंद्र सिंह के निधन के बाद 25 नवंबर को मेवाड़ के 77वें महाराणा के तौर पर उनका राजतिलक हुआ.
विश्वराज सिंह की पत्नी महिमा कुमारी राजस्थान की राजसमंद सीट से लोकसभा सांसद हैं.
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