मुहर्रम के महीने में ही क्यों निकाला जाता है ताजिया?
इस्लाम में मुहर्रम को बेहद पाक महीना माना जाता है. यह इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है.
मुहर्रम के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं.
मोहर्रम के महीने का खास दिन आशूरा होता है, जो कि 10वें दिन पड़ता है.
आशूरा के दिन ही इमाम हुसैन अपने परिवार के साथ 680 ई. में कर्बला की जंग में शहीद हुए थे.
उस दिन से इमाम हुसैन की कब्र के प्रतीक के रूप में ताजिया बनाया जाता है और मुहर्रम के दिन निकाला जाता है, जो कर्बला में समाप्त होता है.
इसके प्रतीक के रूप में बनाई जाने वाली बड़ी कलाकृतियों को ताजिया कहा जाता है.
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