त्रिपुर सुंदरी मंदिर में देवी का रूप तीन बार क्यों बदलता है?

मां त्रिपुरा सुंदरी देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है. यहां मंदिर में मां 18 भुजाओं वाली काले पत्थर की मूर्ति में विराजमान हैं.

कहा जाता है कि यहां दिन में तीन बार देवी अपना स्वरूप बदलती है. 

इन्हें सत्ता की देवी भी कहा जाता है. देश के राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश अक्सर माता के दरबार में मत्था टेकने आते हैं.

पौराणिक कथाओं के अनुसार,देवी त्रिपुरा सुंदरी के 3 बार स्वरूप बदलने का कारण उनकी तीन अवस्थाओं से जुड़ा है.

सुबह को देवी का रूप एक कुमारी (छोटी बच्ची) का होता है, जो शुद्धता और मासूमियत का प्रतीक है.

Photo Credit- Meta AI

दोपहर में देवी का स्वरूप एक युवती का हो जाता है, जो यौवन, शक्ति और रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है.

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शाम को देवी प्रौढ़ा (वृद्ध) स्वरूप में दिखाई देती हैं, जो ज्ञान, परिपक्वता और अनुभव को दर्शाता है.

इस परिवर्तन को देवी के सृजन, पालन और संहार की शक्तियों का प्रतीक माना जाता है.


यह मंदिर तांत्रिक परंपराओं के लिए भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि देवी की ये तीनों मुद्राएं तांत्रिक साधना से संबंधित हैं. हालांकि, इस घटना के पीछे का असली कारण आज भी एक रहस्य बना हुआ है.

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