टोंक: यहां मौजूद है दुनिया की सबसे बड़ी कुरान
Photo: Ravish Tailor
टोंक का अरबी-फारसी शोध संस्थान एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थान है. यह संस्थान राजस्थान के टोंक शहर में स्थित है.
इस संस्थान में 31 विषयों पर 10,000 से अधिक दुर्लभ ग्रंथ मौजूद हैं. इनमें अरबी और फारसी के अलावा, हिंदी, उर्दू, संस्कृत, इंग्लिश और अन्य भाषाओं के ग्रंथ भी शामिल हैं.
संस्थान में कई दुर्लभ ग्रंथ मौजूद हैं. इनमें से कुछ है: कलाम मजीद, जादुल मसीर (तफसीर), सवाते उल इल्लाम, अलमोहित, अखलाक़े मोहम्मदो
संस्थान में अरबी और फारसी में लिखे गीता, महाभारत और रामायण भी मौजूद हैं. ये ग्रंथ इन महाकाव्यों के अरबी और फारसी अनुवाद हैं.
दुर्लभ ग्रंथों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कुरान मौजूद है टोंक अरबी फारसी शोध संस्थान में.
यहाँ सबसे बड़ी साइज़ का कुरान मजीद मौजूद है जो 10 फिट 5 इंच लंबा है और 7 फिट 6 इंच चौड़ा है. इस कुरान में 32 ओराक और 64 पेज है. हर वर्ग का डिजाइन अलग है, जो हैंडमेड पेपर से बना है.
टोंक अरबी फारसी शोध संस्थान, रामपुर
रजा लाइब्रेरी और खुदा बख़्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी ने एक समझौता किया है. जिसके तहत, तीनों संस्थान एक-दूसरे के संग्रहों को साझा करेंगे और शोध में सहयोग करेंगे.
हालांकि, संस्थान कुछ चुनौतियों का सामना कर रही है. जिसमे कर्मचारियों की कमी. संस्थान में केवल एक पूर्णकालिक कर्मचारी है. अन्य सभी कर्मचारी अनुबंध के आधार पर काम करते हैं.
संस्थान की एक अन्य चुनौती यह है कि इसके संग्रह अभी तक डिजिटाइज़ नहीं किए गए हैं. डिजिटाइज़ेशन से संस्थान के संग्रहों को दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए सुलभ बनाया जा सकेगा.
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