सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कैश फोर वोट मामले में संविधान पीठ ने अपना 26 साल पुराना फैसला पलट दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि वह इस मामले में सांसदों को राहत देने पर सहमत नहीं है. सीजेआई ने कहा कि घूसखोरी की छूट नहीं होनी चाहिए. वोट के बदले नोट केस में शीर्ष अदालत की टिप्पणी बहुत महत्वपूर्ण है.