Decrease in the number of students in Kota: इस साल भी जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में उपलब्धि कोचिंग सिटी कोटा के नाम रही. बावजूद इसके देशभर से आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षा के लिए फेमस कोटा को हजारों करोड़ रुपए की इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है. स्टूडेंट्स में आत्महत्या के लगातार बढ़ते मामलों का असर यह है कि सत्र शुरू होने के बाद भी सैकड़ों हॉस्टल खाली पड़े हैं. इसका असर यह है कि हॉस्टल फीस 12 हजार रुपए की बजाय 1500 रुपए रह गई है. किराए में जबरदस्त कमी के बाद भी हॉस्टल के कमरे खाली है और हॉस्टल मालिक डिफॉल्टर हो चले हैं. कुछ हॉस्टल को तो बैंक सीज करने की तैयारी कर रहा है.