पुष्कर के रंगजी मंदिर में हुई 15 दिवसीय झूला महोत्सव की शुरुआत, भक्तों की उमड़ी भीड़

पुराने रंगजी मंदिर में 15 दिवसीय झूला महोत्सव के दौरान प्रतिदिन शाम को भगवान के अलग-अलग स्वरूप में रत्न जडि़त आभूषणों एवं फूल मालाओं से शृंगार किया गया.

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Pushkar Swing Festival: मंदिर में आयोजित 15 दिवसीय झूला महोत्सव के पहले दिन शीशमहल के कपाट खोले गए.
अजमेर:

Pushkar: राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित विश्व विख्यात मंदिरों की नगरी पुष्कर में श्री रामा बैकुंठ दिव्यदेश नए रंगजी मंदिर में शनिवार(19 अगस्त) से 15 दिवसीय झूला महोत्सव की शुरुआत हुई. रंगजी मंदिर में भगवान के हिंडोले के दर्शन के लिए पहले दिन ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. शाम 7:00 से रात 10:00 बजे तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा. 

पुष्कर स्थित नए रणजी मंदिर में झूला महोत्सव शुरू, शीशमहल खोलें गए

मंदिर के व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया कि मंदिर में आयोजित 15 दिवसीय झूला महोत्सव के पहले दिन शीशमहल के कपाट खोले गए तथा महल में भगवान वैंकटेश व उनके सामने गोदांबा जी का रत्न-आभूषणों से श्रृंगार कर मनमोहक हिंडौला सजाया गया. साथ ही 15 दिनों तक पुष्कर धार्मिक स्थल तीर्थ की बसावट को प्रदर्शित किया जायेगा. इसके साथ भजन मंडली द्वारा सावन के झूलों पर आधारित भजनों की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी जा रही है.

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प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी आयोजित झूला महोत्सव के दौरान प्रतिदिन शाम 7 से 10 बजे तक मंदिर के शीश महल में भगवान के विभिन्न स्वरूपों का रत्न जड़ि़त आभूषणों से श्रृंगार कर हिंडौले सजाए जाएंगे. इसके अलावा झूला मंडप में विद्युत-चलित यंत्रों से भगवान की विभिन्न लीलांए प्रदर्शित की जाएगी. साथ ही धार्मिक स्थलों के दर्शन करायें जायेंगे.

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15 दिन में राम और वामन, श्रीनाथ के 15 रूप के होंगे दर्शन

पुराने रंगजी मंदिर में 15 दिवसीय झूला महोत्सव के दौरान प्रतिदिन शाम को भगवान के अलग-अलग स्वरूप में रत्न जडि़त आभूषणों एवं फूल मालाओं से शृंगार किया गया. मुख्य रूप से माखन चोर, चतुर्भुज, राम जी, वामन अवतार, श्रीनाथ जी, बकासुर वध,कालिया दमन आदि रूप में शृंगारकर झूलों में भगवान की झांकी सजाई गई. पुजारी आचार्य सृष्टि मिश्रा ने बताया कि भगवान रंगनाथ का उनकी पत्नी श्रीदेवी वभू देवी के मुख्य झूले के अलावा लक्ष्मी जी व गोदांबा जी का मनमोहक शृंगार कर झूले सजाए गए. भगवान के अलग-अलग स्वरूप में रत्न जडि़त सोना-चांदी के आभूषणों, गुलाब, कमल, मोगरा समेत विभिन्न प्रकार के फूलों की मालाओं से शृंगार किया गया.
 

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