अजमेर में 3 मिनट में लगाए गए 3 हजार पौधे, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

अजमेर में 3 मिनट में 3000 पौधे लगाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया है. पर्यावरण संरक्षण की इस पहल को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins

राजस्थान के अजमेर में आज एक बड़ा रिकॉर्ड बना. यहां मात्र तीन मिनट में तीन हजार पौधे लगाए गए. हरियाली तीज पर पर्यावरण संरक्षण की इस पहल को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया. अजमेर में पंचशील से वैशाली नगर के बीच डिवाइडर पर ग्रीन आर्मी की टीम ने संस्थाओं और स्कूलों के साथ मिलकर 3 मिनट में 3000 पौधे लगाए. पौधरोपण माकड़ वाली रोड से लेकर पंचशील भेरूवाड़ा तक किया गया, जिसकी दूरी करीब साढ़े 3 किलोमीटर है. इस पौधरोपण को लेकर 1 महीने से तैयारी भी चल रही थी. कार्यक्रम को देखने के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम भी अजमेर पहुंची थी. पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के उद्देश्य से पेड़ लगाए गए. 

42 संस्थाओं को स्कूलों के साथ मिलकर बनाया रिकॉर्ड  

ग्रीन आर्मी की ओर से 19 अगस्त को 3 मिनट में 3 हजार पौधे 3 किलोमीटर के अजमेर पंचशील से वैशाली नगर के बीच डिवाइडर पर पौधे लगाए गए. हरियाली तीज पर शनिवार को शहर में ग्रीन आर्मी ने 42 संस्थाओं और स्कूलों के साथ मिलकर यह रिकॉर्ड बनाया. संस्था का दावा है कि इतने बड़े स्तर पर एक साथ पौधरोपण पहली बार किया गया है. 

2600 कनेर, 400 नीम और गुलमोहर के पौधे लगाए 

ग्रीन आर्मी के अध्यक्ष सिद्ध भटनागर और सचिव एडवोकेट कुलदीप सिंह गहलोत ने बताया कि कार्यक्रम सुबह 8:00 बजे से 9:15 बजे तक किया गया. जिसमें रिकॉर्ड पौधरोपण करने का समय सुबह 8:30 से 8:33 तक रहा. सभी लोगों ने एक साथ पौधरोपण किया. इसके बाद आकाश में हरे, सफेद और केसरिया रंग के गुब्बारे छोड़े गए. कार्यक्रम में शहर के करीब 4000 लोग जुटे, पौधरोपण में 2600 कनेर, 400 नीम और गुलमोहर के पौधे सड़क के दोनों और लगाए गए. समाज सेवी हरिराम को डवानी की ओर से 500 ट्रि गार्ड पौधों की सुरक्षा के लिए लगाए गए. इस मौके पर इंजीनियर भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए. 

पर्यावरण संरक्षण और ऑक्सीजन के लिए लगाए गए पौधे 

ग्रीन आर्मी के सचिव कुलदीप सिंह गहलोत का कहना है कि देशवासियों और शहर वासियों को जाति धर्म या अन्य मुद्दों से ऊपर उठकर पर्यावरण के बारे में सोचना होगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी नौबत आई की आने वाले समय में पौधे नहीं रहेंगे तो लोगों को ऑक्सीजन के लिए तरसना पड़ेगा. पेड़ पौधों के पास जाने के लिए संघर्ष करना होगा. ऐसा नहीं हो इसलिए इसके लिए सभी लोग जागरुक होकर अपने आसपास पेड़ पौधे लगाए.

Advertisement
Topics mentioned in this article