Sikar Crime News: राजस्थान के सीकर जिले की POCSO कोर्ट नंबर 1 में लगभग साढ़े तीन साल बाद एक नाबालिग को इंसाफ मिला है. कोर्ट ने रेप की कोशिश के मामले में पीड़िता के चाचा को 10 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा 52 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही, विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के तहत पीड़िता को 2 लाख रुपये देने के निर्देश भी दिए हैं.
घर पर अकेला पाकर जबरदस्ती करने कोशिश की थी
मामले की जानकारी देते हुए सरकारी वकील भवानी सिंह जेरथी ने बताया कि मामला करीब साढ़े तीन साल पुराना है. 11 जून 2022 को पीड़िता के चाचा ने अपनी भतीजी को घर पर अकेला पाकर उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की. उसने पहले नाबालिग के हाथ-पैर बांधे, फिर उसका मुंह बंद कर दिया और उसके साथ रेप करने की कोशिश की. लेकिन अचानक पीड़िता के पिता घर आ गए और उसे बचा लिया.
पिता के आने पर मौके से भाग गया था चाचा
पिता को उस समय देखकर चाचा हैरान रह गया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से भाग गया. घटना के बाद पीड़िता और उसके पिता ने पांच दिन बाद 16 जून को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी.
12 गवाह और 24 डॉक्यूमेंट सबूत के तौर पर किए थे पेश
जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और 29 अगस्त, 2022 को कोर्ट में चालान पेश किया. ट्रायल के दौरान प्रॉसिक्यूशन ने 12 गवाह और 24 डॉक्यूमेंट्री सबूत पेश किए, जिसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाया. इसके बाद, केस की सुनवाई करने वाले जज विक्रम चौधरी ने रिश्तों के बारे में इमोशनल होकर अपना फैसला सुनाया. उन्होंने कहा कि चाचा जैसे अहम रिश्ते वाले किसी व्यक्ति के जरिए ऐसा अपराध करना सामाजिक भरोसे को बहुत कमजोर करता है.ऐसी घटनाएं अच्छे रिश्तों और सामाजिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं, इसलिए ऐसे अपराधों पर सख्त रोक लगाना ज़रूरी है.
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