Rajasthan: सिलिकोसिस बीमारी के नाम पर हो गया 3 करोड़ रुपए का घोटाला, कागजों में ही हो रहा था फर्जी मरीजों का इलाज

Dholpur: सिलिकोसिस बीमारी के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में FIR दर्ज की जा चुकी है.

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Patients with silicosis disease: धौलपुर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग फर्जी तरीके से लोगों को बीमार बताकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. विभाग में सिलिकोसिस बीमारी के नाम पर बड़ा गड़बड़झाला चल रहा है, जहां 106 लोगों को इस रोग से ग्रसित बता दिया. फिर इसी आधार पर 3 करोड़ रुपए से अधिक का गबन कर दिया. अब इस पूरे घोटाले का भंडाफोड़ हो गया है. मामला विभाग के संज्ञान में आने के बाद हड़कंप मच गया है. कोतवाली पुलिस थाने में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने मुकदमा दर्ज कराया है. सीएमएचओ डॉ. धर्म सिंह मीणा ने बताया सिलिकोसिस बीमारी के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने का पिछले काफी समय से चल रहा था. 

ऐसे हुआ मामले का भंडाफोड़

दरअसल, जनवरी से लेकर मार्च के महीने तक 109 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ. जबकि हैरानी की बात यह है कि सिलिकोसिस के किसी भी पेशेंट का जिला अस्पताल में ओपीडी में रजिस्ट्रेशन नहीं था. पेशेंट के एक्स-रे अन्य जगह कराए गए थे. जबकि फर्जी ओपीडी नंबर रेडियोग्राफर द्वारा जिला अस्पताल से जारी किया गया था. इस पूरे प्रकरण में रेडियोग्राफर, चिकित्स एवं अन्य कर्मचारी विभाग के शामिल रहे है.

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109 में से सिर्फ 3 मामले पाए गए सही

अधिकारी ने कहा, "मामला संज्ञान में आने के बाद इस प्रकरण की छानबीन की गई. तब मामले का भंडाफोड़ हुआ है. 109 में से 106 पेशेंट सिलिकोसिस बीमारी के फर्जी पाए गए हैं. जिला कलेक्टर के निर्देश में कोतवाली पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. दोषियों के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी." चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 3 करोड़ 17 लाख 59 हजार रुपए का गबन हुआ है. 

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पेंशन के अलावा हर मरीज को मिलते हैं 3 लाख रुपए  

सिलिकोसिस के पेशेंट का प्रमाण पत्र जारी होने के बाद 1500 रुपए मासिक पेंशन दी जाती है. इसके अलावा 3 लाख रुपए 2 से 3 किश्त में दिए जाते हैं. पेशेंट की मृत्यु होने के बाद परिवार को भी 2 लाख रुपए दिए जाते हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया चिकित्सा विभाग की जांच में रेडियोग्राफर और चिकित्सक की भूमिका संदिग्ध है. इसके अलावा अन्य कर्मचारी भी इस गबन में शामिल हो सकते हैं. 

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