Jaipur: "पैसे दो, नहीं तो बेटे को जेल में डाल देंगे", बदमाशों ने फर्जी पुलिसकर्मी बन युवक का किया अपहरण और फिर पिता को धमकाया

Jaipur: ये बदमाश लोगों को लूटने के इरादे से डर बनाने के लिए खुद की पहचान छुपाकर फर्जी पुलिस अधिकारी बनते थे.

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Accused extorted money by posing as fake policemen: जयपुर में फर्जी पुलिसकर्मी बन अपहरण करने वाली गैंग का पर्दाफाश हुआ है. राजधानी की शिप्रापथ थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य सरगना समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के कब्जे से फर्जी इनकम टैक्स, जीएसटी, नेशनल एंटी करप्शन के फर्जी आईडी कार्ड समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं. पकड़े गए तीनों आरोपी सवाई माधोपुर जिले के रहने वाले हैं और जयपुर के प्रतापनगर इलाके में रहकर ही वारदात को अंजाम दे रहे थे. शहर के अलग-अलग इलाकों में चाय के ठेले पर बैठकर आरोपी बड़े शातिर तरीके से साजिश रचते थे. 

ऐसे देते थे साजिश को अंजाम

ये बदमाश लोगों को लूटने के इरादे से डर बनाने के लिए खुद की पहचान छुपाकर फर्जी पुलिस अधिकारी बनते थे. रेकी के दौरान जब भी मौका पाते, तब लोगों को अपनी कार में सुनसान जगह ले जाते थे. तभी परिजनों से पैसा मांगते थे. वह परिजनों को कॉल करते और धमकाते थे कि बेटा पुलिस की हिरासत में है. अगर छुड़ाना है तो पैसा दो.

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23 फरवरी को युवक को उठा ले गए, पिता से मांगने लगे पैसे

पिछले महीने 23 फरवरी को सवाई माधोपुर निवासी भोला मीणा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. परिवादी ने बताया कि उसका बेटा जयपुर में गोपालपुरा बायपास पर किराए के कमरे में रहता है. 22 फरवरी को शाम को 3 युवक आए. उन्होंने खुद को दिल्ली साइबर थाने का पुलिसकर्मी बताया और उसके बेटे को उठाकर ले गए. इस दौरान बदमाशों ने बेटे से मारपीट भी की.

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जब पैसे नहीं मिले तो पीड़ित के मोबाइल से 23 हजार किए ट्रांसफर

इसके बाद आरोपियों ने पिता को फोन किया और कहा, "तुम्हारे बेटे ने साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. अगर 10 लाख रुपए नहीं दिए तो बेटे को गिरफ्तार करके जेल में डाल देंगे." जब आरोपियों को पता चला कि पीड़ित के पास पैसे नहीं है तो मोबाइल से 23 हजार ट्रांसफर करवाकर शिवदासपुरा के पास सुनसान जगह पर छोड़कर भाग गए.

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सीसीटीवी फुटेज खंगाले और आरोपी तक पहुंची पुलिस

पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज जांच शुरू की और घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी फुटेज चेक किए. सीसीटीवी फुटेज में वारदात के दौरान काम मे ली गई कार की पहचान हो गई. इसके बाद पुलिस मोबाइल डिटेल के जरिए पुलिस आरोपी तक पहुंची. इस केस में पुलिस ने सुशील कुमार मीणा, आलोक कुमार मीणा और धीरज कुमार मीणा को गिरफ्तार किया है.

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