Kota Crime News: राजस्थान के कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई की है. कोटा विकास प्राधिकरण में रिश्वत का पहला मामला सामने आया है. यूआईटी से साल 2024 में कोटा विकास प्राधिकरण का गठन हुआ है. मंगलवार को यहां रॉकी अरोड़ा नामक पटवारी को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 3000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी रॉकी अरोड़ा से कोटा विकास प्राधिकरण के तहसीलदार शाखा में कार्यरत है. भूखंड का पट्टा बनाने की एवज में वो 3000 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया. एसीबी ने बताया कि आरोपी ने पहले भी 15000 रुपए परिवादी से ले लिए थे. शेष राशि लेते वक्त एसीबी ने गिरफ्तार किया.
पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार
पूछताछ में सामने आया कि कोटा विकास प्राधिकरण के पटवारी रॉकी अरोड़ा को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. टीम के अधिकारियों द्वारा आगे की जांच की जा रही है. जिसमें पता चला है कि पटवारी रॉकी अरोड़ा पीड़ित किसान से उसका लोन पास करने की एवज में 3000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था. यह रिश्वत राशि प्लॉट का पट्टा बनाने की एवज में मांगी गई थी. यह रिश्वत की दूसरी किस्त थी. इससे पहले वह किसान से 12000 रुपये की राशि ले चुका था.
तहसीलदार ऑफिस में रंगे हाथ किया गिरफ्तार
पटवारी द्वारा लगातार परेशान किए जाने के बाद परिवादी ने उसके खिलाफ कोटा भ्रष्टाचार ब्यूरो में शिकायत की. इसके बाद एसीबी की टीम ने शिकायत को सही पाया और पटवारी को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई. जिसके अनुसार मंगलवार को आरोपी रॉकी अरोड़ा को बकाया रिश्वत राशि लेने के लिए तहसीलदार कार्यालय बुलाया गया. जहां उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया.
बाथरूम में जाकर ली थी रिश्वत
परिवादी से रिश्वत के सत्यापन के बाद एसीबी की टीम जैसे ही कार्रवाई करने पहुंची तो आरोपी पटवारी ने परिवादी से रिश्वत की 3000 की रकम ऑफिस के चेंबर में ना लेकर बाथरूम के पास जाकर ली भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारी और कर्मचारी कार्रवाई को लेकर तैयार खड़े थे जैसे ही पटवारी ने रिश्वत की रकम हाथ में पड़ी उसके बाद टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया.
फिर कोटा विकास प्राधिकरण परिसर में पहली मंजिल पर स्थित कमरा नंबर 122 में ले जाकर ट्रैप की कार्रवाई के दौरान किये जाने वाले दस्तावेज तैयार किए. कार्रवाई के बाद आरोपी पटवारी के घर पर भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम सर्च के लिए पहुंची है.
प्लॉट का पट्टा बनाने के बदले ली थी रिश्वत
दरअसल परिवादी से प्लॉट का पट्टा बनाने के बदले में 15 हजार की रिश्वत डिमांड की गई थी. आरोपी परिवादी से पहले 9 हजार और फिर 3 हजार ले चुका था. बाकी 3 हजार के लिए और दबाव बना रहा था.
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