Jodhpur: 'ऑपरेशन हेरा-फेरी' का बाबूलाल चढ़ा जोधपुर पुलिस के हत्थे, हर कांड के बाद बचने के लिए कामाख्या में मांगता था मन्नतें

Rajasthan News: फर्जी डिग्री रैकेट के सिलसिले में 25,000 रुपये के इनामी बाबूलाल को जोधपुर पुलिस ने असम के कामाख्या से गिरफ्तार किया है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
आरोपी बाबूलाल

Jodhpur News: जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले एक बड़े फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश किया है. जिसमें  मुख्य आरोपी और 25 हजार के इनामी बाबूलाल को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने इस कार्रवाई को 'ऑपरेशन हेरा-फेरी' नाम दिया था. साइक्लोनर टीम और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में यह गिरफ्तारी नाटकीय ढंग से आसाम के कामाख्या से हुई.

एसओजी  पहले ही कर चुकी है 17 को गिरफ्तार

जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने बताया कि गिरफ्तार बाबूलाल, बिलाड़ा का रहने वाला है और शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती में कई अभ्यर्थियों को बैक डेट से फर्जी डिग्री प्रमाण पत्र बनवाने वाले गिरोह का मुख्य सरगना है. इस मामले में पहले ही कई विश्वविद्यालयों के कुलपति और रजिस्ट्रार गिरफ्तार किए जा चुके हैं, लेकिन लूणी के सरकारी स्कूल में अंग्रेजी के वरिष्ठ शिक्षक के पद पर कार्यरत बाबूलाल लगातार फरार चल रहा था. पूछताछ में बाबूलाल ने कबूल किया है कि उसने कई छात्रों को संदिग्ध विश्वविद्यालयों से फर्जी डिग्रियां दिलवाई हैं. इस मामले में एसओजी पहले ही 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

Advertisement

दो मामलों में चल रहा था फरार

आईजी विकास कुमार ने यह भी बताया कि आरोपी बाबूलाल RPSC, अजमेर द्वारा आयोजित स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा में फर्जी डिग्री के आधार पर चयन से जुड़े दो मामलों में भी फारार था. ये मामले अजमेर के सिविल लाइन्स थाने में दर्ज हैं, जिनमें कमला कुमारी और ब्रह्मा कुमारी नामक अभ्यर्थियों को बैक डेट से डिग्री उपलब्ध कराने की साजिश रचने में बाबूलाल मुख्य सूत्रधार था.

Advertisement

पहले खूब कमाई, फिर भूमिगत, कामाख्या में मांगी मन्नतें

फर्जीवाड़े के धंधे से बाबूलाल ने खूब संपत्ति कमाई. लेकिन जोधपुर के एक डॉक्टर का भेद खुलने के बाद वह सतर्क होकर छिप गया. गिरफ्तारी के डर से उसने आसाम के कामाख्या मंदिर में जाकर मन्नतें मांगी और लगातार वहां अनुष्ठान करता रहा. 

Advertisement

शिलांग में नया कारोबार, फिर पुलिस के रडार पर

आईजी ने आगे बताया कि अपनी पिछली यात्रा में थोड़ा आराम कर बाबूलाल ने शिलॉन्ग की एक यूनिवर्सिटी में फिर से अपना कारोबार फैलाने की कोशिश शुरू कर दी थी. शिलॉन्ग से लौटने के बाद वह गुवाहाटी और फिर कामाख्या पहुंचा, लेकिन इस दौरान वह लगातार पुलिस टीमों के रडार पर बना रहा. गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर खतरे की आशंका होने पर उसने कामाख्या से ही वापस आने का टिकट बुक करा लिया था.

ट्रेन में पैंट्री स्टाफ बनकर घूमी पुलिस

बाबूलाल ने 15 मई को कामाख्या से आनंद विहार (दिल्ली) आने का टिकट बुक कराया था, जिसकी सूचना साइक्लोनर और एसओजी को मिली थी. एसी का टिकट वेटिंग लिस्ट में होने के कारण उसकी सही पहचान मुश्किल हो रही थी. ट्रेन में चढ़ने के बाद बाबूलाल को अपनी सीट (A2 में 16) कंफर्म होने की जानकारी मिली. शातिर बाबूलाल ने पकड़े जाने के डर से अपनी सीट पर न बैठकर किसी और से अपनी सीट बदल ली.  वही उसके पीछे ट्रेन में चढ़ी साइक्लोनर की टीम ने भी टीटी से सीट नंबर पता किया लेकिन वहां पहुंचने वहां कोई नहीं था. जिसके बाद टीम खाली हाथ लौट पड़ी.

छाछ पीने की इच्छा हुई तो पकड़ा गया

वी वह एक निचली बर्थ पर कंबल ओढ़कर सोया हुआ था. आखिरकार दिल्ली पहुंचने से थोड़ी देर पहले उसे छाछ पीने की इच्छा हुई, तो उसने पैंट्री कार वाले से छाछ ली , जिसके कारण वह पकड़ा. क्लेयोंकि जैसे ही उसने छाछ पीने के समय  अपनी टोपी उतारी, तभी  वह नजर में आ गया और आनंद विहार पहुंचते ही टीम ने उसे दबोच लिया.आरोपी बाबूलाल को  देर रात साइक्लोनर की टीम बाबूलाल को लेकर बस से जयपुर लौटी और उसे एसओजी को सौंप दिया. 

मोबाइल टॉयलेट में बहाना चाहता था

आनंद विहार स्टेशन पर शातिर बाबूलाल ने साइक्लोनर टीम से टॉयलेट जाने की इच्छा जताई. टॉयलेट जाते ही  उसने अपने मोबाइल और अन्य उपकरणों को फ्लश करके सबूत मिटाने की कोशिश की. लेकिन टीम ने उसके इरादे भांपते हुए मोबाइल व अन्य उपकरणों को पहले ही अपने कब्जे में ले लिया.

ऐशो-आराम की जिंदगी से हुआ प्रभावित

बाबूलाल के इस गोरखधंधे में फंसने की कहानी भी दिलचस्प है. पहली बार तनावड़ा के स्कूल जाते समय उसने एक कार में लिफ्ट ली थी, जिसमें अजमेर की एक नामचीन यूनिवर्सिटी के कर्मचारी बैठे थे. निजी विश्वविद्यालय के छोटे कर्मचारियों की शानदार गाड़ियां और उनकी ऐशो-आराम की जिंदगी से वह बहुत प्रभावित हुआ. धीरे-धीरे उनसे दोस्ती हो गई और फिर वह फर्जी डिग्रियों के धंधे में उनका साझीदार बन गया.