Tonk News: राजस्थान के टोंक जिले से सरकारी सिस्टम की कछुआ चाल और शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने वाला एक मामला सामना आया है. जिसमें एक सरकारी शिक्षिका ने लगातार चार साल तक स्कूल से गायब रहने के बावजूद 24 लाख 76 हजार रुपये से अधिक का वेतन और बोनस उठाया है.मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने केस दर्ज कराते हुए दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
24.76 लाख का भुगतान
मामला टोंक के सरकारी विद्यालय लतीफगंज का है. जहां अध्यापिका पिंकी मीणा साल 2006 से 2014 के बीच कई बार, जिसमें 2010 से 2014 तक वह पूरी तरह अनुपस्थित रहीं. इसके बावजूद उनके बैंक खाते में वेतन, समर्पित वेतन (Surrender Pay) और बोनस के रूप में 24 लाख 76 हजार 520 रुपए की राशि नियमित रूप से जमा होती रही, जिसे शिक्षिका ने एटीएम से निकाल लिया.
2025 में दर्ज हुआ परिवाद
आठ साल पुराने इस मामले में शिक्षा विभाग ने अब जाकर, 29 अक्टूबर 2025 को टोंक के कोतवाली थाने में एक केस दायर किया है.टोंक के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के जरिए दर्ज करवाई रिपोर्ट में बताया गया है कि अध्यापिका पिंकी मीणा और तत्कालीन बीईईओ रामरतन बैरवा (आर्य) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है.
पिंकी मीणा हो चुकी है बर्खास्त
विभाग ने मामला सामने आने के बाद शिक्षिका पिंकी मीणा को पहले ही बर्खास्त कर दिया है. वर्तमान में उनका कोई अता-पता नहीं है. और तत्कालीन बीईईओ रामरतन बैरवा वह भी सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
पुलिस ने जांच की शुरू
टोंक शहर के कोतवाल भंवर लाल वैष्णव ने बताया कि सीबीईईओ की तरफ से एक लेटर के जरिए रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
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