Rajasthan News: राजस्थान के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड में से एक XPO स्कैम में भरतपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी के छह मुख्य लीडरों को वांटेड घोषित कर उन पर इनाम रख दिया है. क्रिप्टो और फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर करीब 7100 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले इस नेटवर्क के तार दुबई से जुड़े हैं. पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीमों का गठन किया है.
दुबई से बुना गया ठगी का अंतरराष्ट्रीय जाल
पुलिस जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि इस पूरे स्कैम का मास्टरमाइंड दुबई में बैठकर नेटवर्क संचालित कर रहा था, जबकि भारत में इसका मुख्य केंद्र जयपुर था. ठगों ने xpo.ru नामक फर्जी वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को ऊंचे रिटर्न और रेफरल बोनस का लालच दिया. खुद को 2016 से रूस में संचालित बताने वाली यह कंपनी असल में नवंबर 2022 में जयपुर से शुरू हुई थी.
आंकड़ों में ठगी का मायाजाल
जांच में सामने आया है कि इस घोटाले ने देश के 20 से अधिक राज्यों को अपनी चपेट में लिया है. जिसमें लगभग 7,100 करोड़ रुपये (3100 करोड़ ऑनलाइन और 4000 करोड़ इंटरनल डिपॉजिट का कुल निवेश किया गया है. इसमें राजस्थान सबसे ऊपर (2.07 लाख निवेशक), दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र (48.53 हजार निवेशक) है. इस ठगी का शिकार होने वालों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, वकील और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं.
इन 6 मुख्य आरोपियों पर कसा शिकंजा
भरतपुर पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी फिलहाल दुबई में छिपे हैं. इनके भारत लौटते ही गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई हैं. इस अलावा कुछ वांटेड आरोपियों भी शामिल हैं, जिसमें रजत शर्मा (जयपुर) इसके नाम पर प्लेटफॉर्म की पहली आईडी बनी थी. इसके अलावा झुंझुनूं के ही विजय मौर्या, सुरेंद्र मौर्या, ईश्वर वर्मा, सुरेंद्र सैनी, छठा मुख्य लीडर पुलिस रडार पर चल रहा है.
ED और CBI की एंट्री की तैयारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुओ मोटो संज्ञान लिया है. भरतपुर पुलिस ने मामले की विस्तृत रिपोर्ट कोऑपरेटिव विभाग और केंद्रीय जांच एजेंसियों को भेज दी है, ताकि इसकी जांच CBI जैसी बड़ी एजेंसी से जांच कराई जा सके. पुलिस ने स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को भी इस बारे में पत्र लिखकर आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.
कैसे फंसाते थे जाल में?
आरोपी देश भर में बड़े सेमिनार आयोजित करते थे. शुरुआत में निवेशकों को 1-2 प्रतिशत का छोटा रिटर्न देकर उनका भरोसा जीता जाता था. जैसे ही निवेशक बड़ी रकम लगाते, कंपनी पैसे लेकर चंपत हो जाती. भरतपुर एसपी मृदुल कछावा और एसआईटी की टीम अब अपराध से अर्जित संपत्ति का ब्यौरा तैयार कर रही है ताकि पीड़ितों को राहत मिल सके.
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