Shyam Benegal Last Rites: मशहूर फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल ने 90 साल की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है. मशहूर फिल्म निर्माता लंबे समय से बीमार थे.उनके निधन की पुष्टि उनके एक पारिवारिक मित्र ने की है. उन्होंने हाल ही में 14 दिसंबर को अपना 90वां जन्मदिन मनाया था.मुंबई सेंट्रल के वॉकहार्ट अस्पताल से श्याम बेनेगल का पार्थिव शरीर ले जाया गया. मुंबई के शिवाजी पार्क में दोपहर बाद नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी गई.
फिल्मी और राजनीतिक हस्तियों ने निधन पर जताया शोक
श्याम बेनेगल को उनकी नए दौर की फिल्मों के लिए याद किया जाता है. उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई फिल्मी और राजनीतिक हस्तियों ने दिग्गज फिल्मकार श्याम बेनेगल के निधन पर शोक जताया। फिल्म उद्योग से भी फिल्मकार शेखर कपूर, हंसल मेहता और सिने अभिनेता मनोज बाजपेयी, अक्षय कुमार और काजोल ने श्याम बेनेगल को श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक महान फिल्मकार बताया जिन्होंने सिनेमा को नई परिभाषा दी और अपनी फिल्मों से पीढ़ियों को प्रेरित किया.
राष्ट्रपति एक्स पर जताया शोक
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी श्याम बेनेगल के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनके निधन से भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया है. राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'एक वास्तविक संस्थान के रूप में उन्होंने कई अभिनेताओं और कलाकारों को तैयार किया. उनके असाधारण योगदान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों के रूप में मान्यता दी गई. उनके परिवार के सदस्यों और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं.'
भारतीय सिनेमा पर पड़ा गहरा प्रभाव- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मशहूर फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल के निधन पर शोक वयक्त करते हुए 'एक्स' पर कहा, 'श्याम बेनेगल जी के निधन से गहरा दुख हुआ, जिनकी कहानी कहने की कला का भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव पड़ा. उनके कार्यों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों द्वारा सराहा जाता रहेगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना.'
फिल्म इंडस्ट्री ने भी दी श्रद्धांजलि
फिल्मकार शेखर कपूर ने बेनेगल के निधन पर शोक जताया.कपूर ने ‘एक्स' पर कहा कि बेनेगल को हमेशा ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने ‘अंकुर' और ‘मंथन' जैसी फिल्मों के साथ हिंदी सिनेमा की दिशा बदल दी. 'अलविदा मेरे दोस्त और मेरे मार्गदर्शक''.
मनोज वाजपेयी ने उनके साथ जुबैदा में काम किया था. जिसमें उनका आदाकारी को खूब सराहा गया. बाजपेयी ने बेनेगल के निधन पर शोक जताते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा कि उनकी मृत्यु भारतीय सिनेमा के लिए "दिल तोड़ने वाली क्षति" है. ज़ुबैदा में उनके साथ काम करना मेरे लिए एक परिवर्तनकारी अनुभव था, जिसने मुझे कहानी कहने की उनकी अनूठी शैली और अभिनय की बारीक समझ से परिचित कराया,"
श्याम बेनेगल को हमेशा समानांतर सिनेमा के लिए याद किया जाएगा
श्याम बेनेगल ने 1974 में फिल्म 'अंकुर' से निर्देशन की शुरुआत की थी. यह फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित थी. इस फिल्म ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. इसके अलावा उन्होंने महत्वपूर्ण फिल्में भी बनाईं. उन्होंने 'निशांत', 'मंथन', 'भूमिका' और 'सरदारी बेगम' जैसी यादगार फिल्में बनाईं. समानांतर सिनेमा के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. श्याम को 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. 2007 में उन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने 1980 के दशक के मध्य में दूरदर्शन के लिए 'यात्रा', 'कथा सागर' और 'भारत एक खोज' धारावाहिक भी बनाए. वह एकमात्र फिल्म निर्देशक थे, जिन्होंने पांच बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता.