प्लास्टिक से बना चाय का कप हो सकता है जानलेवा, भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम

प्लास्टिक से बने चाय के कप आपकी सेहत के साथ-साथ आपकी जान को भी खतरे में डाल रहे हैं. क्योंकि आसानी से इस्तेमाल होने वाली ये चीजें आपकी सेहत पर बुरा असर डाल रही हैं.

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Disadvantages of plastic cups: अगर आप चाय के शौकीन हैं और आपको हर घंटे चाय की तलब लगती है, जिसे शांत करने के लिए आप बाहर किसी चाय की दुकान पर बैठकर प्लास्टिक के कप में चाय की चुस्की लेते हैं, तो सावधान हो जाइए! प्लास्टिक से बने चाय के कप आपकी सेहत के साथ-साथ आपकी जान को भी खतरे में डाल रहे हैं. क्योंकि आसानी से इस्तेमाल होने वाली ये चीजें आपकी सेहत पर बुरा असर डाल रही हैं. तो आइए जानते हैं कि ये कैसे आपके शरीर में पहुंचकर उसे धीरे-धीरे खोखला कर रही हैं.

आईआईटी खड़गपुस में 2020 में एक रिसर्च हुई

इस बारे में 2020 में आईआईटी खड़गपुर में एक शोध किया गया था, जिसमें पता चला कि जिस 100 मिली लीटर के प्लास्टिक गिलास में हम चाय पीते हैं, उसमें कुछ ही मिनटों में 25 हज़ार माइक्रोप्लास्टिक बन जाते हैं. ये माइक्रोप्लास्टिक कण चाय के साथ हमारे शरीर में चले जाते हैं. इसका मतलब है कि आप अप्रत्यक्ष रूप से प्लास्टिक खा रहे हैं. शरीर में जाने के बाद ये प्लास्टिक कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है. इसके साथ ही प्लास्टिक के पैकेट में बिकने वाली चीज़ें भी कैंसर का कारण बन सकती हैं.

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प्लास्टिक में पाए जाते है मेट्रोसेमिन और बिस्फीनॉल केमिकल्स

प्लास्टिक में मेट्रोसामाइन और बिस्फेनॉल ए जैसे घातक रसायन होते हैं जो धीरे-धीरे आपकी सेहत को मौत के कगार पर ले जा रहे हैं. जब आप इसमें गर्म चाय या कॉफी डालकर पीते हैं तो इसके माइक्रोप्लास्टिक कण अपने आप चाय में घुलने लगते हैं जो हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, यानी आप अनजाने में प्लास्टिक खा रहे हैं. ये प्लास्टिक के कण हमारी आंतों में जमा हो जाते हैं और हमारे पाचन को नुकसान पहुंचाते हैं. जिससे हमारी सेहत खराब होने लगती है. इससे किडनी खराब होना, कैंसर और पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए इनसे दूर रहना ही बेहतर है।

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प्लास्टिक कप में चाय पीने के नुकसान

प्लास्टिक के कपों में मौजूद रसायन शरीर में प्रवेश कर विषाक्त पदार्थों को जमा करना शुरू कर देते हैं, जो धीरे-धीरे शरीर में जहर का काम कर सकते हैं और आपकी मौत का कारण बन सकते हैं.

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इनके सेवन से किडनी खराब होने, पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं, जिससे शरीर को काफी नुकसान हो सकता है.

इनके बहुत ज़्यादा इस्तेमाल से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है. इसके अलावा स्किन एलर्जी की समस्या भी हो सकती है.

  किस तरह सुरक्षित विकल्प चुनें

प्लास्टिक के जोखिम से बचने के लिए, ऐसे कप का उपयोग करें जो BPA मुक्त हों और पॉलीप्रोपिलीन या पॉलीइथिलीन जैसी सामग्रियों से बने हों.

इसके अतिरिक्त, बायोडिग्रेडेबल या कम्पोस्टेबल कैप्सूल चुनना भी एक विकल्प है, जो प्राकृतिक रूप से विघटित हो जाते हैं और पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं.

चाय को छोड़ नहीं सकते तो कुल्हड़ चाय पिने की आदत डालें. यह मिट्टी का बना होता है और चाय के स्वाद को और भी अधिक बढ़ाता है. इसके अलावा, यह एक प्रकृतिक और वातावरण-सुस्थ विकल्प है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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