Excessive Eye Blinking: आंखों का फड़कना एक आम समस्या है, जिससे लगभग हर कोई कभी न कभी दो-चार होता है. कुछ लोग इसे शुभ-अशुभ से जोड़कर देखते हैं, तो कुछ लोग इसे सामान्य बात समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन, डॉक्टरों के अनुसार आंखों का फड़कना केवल एक सामान्य घटना नहीं है. यह कुछ बीमारियों का संकेत भी हो सकता है.
आंखों के फड़कने के लक्षण:
आंखों की ऊपरी या निचली पलक का फड़कना
आंखों में खिंचाव महसूस होना
आंखों में दर्द होना
धुंधला दिखाई देना
आंखों के फड़कने के कारण:
तनाव: तनाव आंख फड़कने का सबसे आम कारण है. जब आप तनाव में होते हैं, तो आपकी मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे आंख फड़कने लगती है.
थकान: जब आपकी नींद कम होने लगती है तो आंखों को ज्यादा आराम नहीं मिल पाता है. जिसके कारण ज्यादा काम करने से भी आंखें फड़कने लगती हैं.
ड्राई आइज: आजकल लोगों में सूखी आंखों की समस्या आम हो गई है क्योंकि लगातार कंप्यूटर और मोबाइल पर काम करने से आंखों में नमी की समस्या हो जाती है जिसके कारण आंखों में फड़कन हो सकती है.
कैफीन और अल्कोहल: ज्यादा कैफीन और अल्कोहल का सेवन करने से भी आंखों में फड़कन हो सकती है.
पोषक तत्वों की कमी: मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी से भी आंखों में फड़कन हो सकती है.
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: कुछ मामलों में आंखों का फड़कना न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का संकेत भी हो सकता है.
आंखों के फड़कने का इलाज:
आंखों के फड़कने का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है. यदि तनाव और थकान के कारण आंखों में फड़कन हो रही है, तो पर्याप्त नींद लें और तनाव कम करने की कोशिश करें. यदि ड्राई आइज की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह से आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें. यदि किसी दवा के साइड इफेक्ट के कारण आंखों में फड़कन हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें. यदि पोषक तत्वों की कमी है, तो पौष्टिक आहार लें। यदि न्यूरोलॉजिकल समस्या है, तो डॉक्टर से मिलकर इलाज करें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)