'भूलने' की बीमारी दे रहा स्मार्टफोन! कहीं आप तो नहीं हुए डिजिटल डिमेंशिया का शिकार

Mental Health: गर कोई आपको कुछ ज़रूरी चीज़ें बताता है और आप उन्हें करने में असमर्थ होते हैं और फिर से पूछने पर आप कहते हैं कि आपको याद नहीं रहा. अगर ये सब चीज़ें आपके साथ लगातार हो रही हैं, तो आपको सावधान होने की ज़रूरत है क्योंकि आप धीरे-धीरे 'डिजिटल डिमेंशिया' का शिकार होते जा रहे हैं.

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Digital Demntia

Digital Dementia: क्या आप कुछ देर पहले देखी हुई चीज़ें एक झटके में भूल जाते हैं? इतना ही नहीं, आप घंटों फ़ोन पर अपने दोस्तों से बात करने में व्यस्त रहते हैं. और अगर आपका फ़ोन एक पल के लिए भी आपसे दूर चला जाए, तो आप परेशान हो जाते हैं. और फ़ोन मिलने के बाद ही राहत की सांस लेते हैं. वहीं अगर कोई आपको कुछ ज़रूरी चीज़ें बताता है और आप उन्हें करने में असमर्थ होते हैं और फिर से पूछने पर आप कहते हैं कि आपको याद नहीं रहा. अगर ये सब चीज़ें आपके साथ लगातार हो रही हैं, तो आपको सावधान होने की ज़रूरत है क्योंकि आप धीरे-धीरे 'डिजिटल डिमेंशिया' का शिकार होते जा रहे हैं.

डिजिटल डिमेंशिया क्या है?

डिजिटल डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे उन लोगों को जकड़ रही है जो लगातार अपने फोन के प्रभाव में रहते हैं. यह लोगों की याददाश्त, एकाग्रता की कमी और सोचने की क्षमता को प्रभावित कर रही है. उदाहरण के लिए, हम हर छोटी-छोटी बात के लिए अपने फोन का इस्तेमाल करते हैं और अपने दिमाग पर कम भरोसा करते हैं, जिससे उसकी कसरत कम होताी है. इसकी वजह से हमारे माइंड को सोचने और समस्याओं को हल करने का कम मौका कम मिलता है. और हम जल्दी यादों को भूलने के आदी होने लगते हैं.

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डिजिटल डिमेंशिया के लक्षण क्या हैं?

शुरुआत में इसका असर ज़्यादा नहीं दिखता लेकिन धीरे-धीरे यह आपके दिमाग को कमज़ोर करने लगता है और आपकी सोचने-समझने की क्षमता को कम करता है. इसके कारण आप अपनी रोज़मर्रा की चीज़ें भूलने लगते हैं. आपको छोटी-छोटी चीज़ों के नाम याद रखने में परेशानी होने लगती है. आपको कोई भी काम एकाग्र होकर करने में परेशानी होने लगती है. इसके कारण आप कभी भी सही फैसले नहीं ले पाते.

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डिजिटल डिमेंशिया से कैसे बचें?

अगर आपको भी इसी तरह के लक्षण खुद में दिखाई देने लेने लगे है तो संभल जाइए क्योंकि आप भी डिजिटल डिमेंशिया के शिकार होने लगे है. इसे बचने के लिए आप कुछ तरीके अपनाकर इसे कंट्रोल कर सकते है. 

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अगर आप भी खुद में ऐसे ही लक्षण देख रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि आप भी डिजिटल डिमेंशिया के शिकार हो रहे हैं. इससे बचने के लिए आप कुछ तरीके अपनाकर इसे नियंत्रित कर सकते हैं.

तकनीक का कम उपयोग करें: अपने स्मार्टफोन को लंबे समय तक इस्तेमाल करने के बजाय, इसे कभी-कभार इस्तेमाल करें. इससे आपको दूसरे कामों के लिए समय मिल जाएगा.

दिमागी कसरत: परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं या घर पर बच्चों के साथ पहेली वाले खेल खेलें जिससे आपकी सोचने और समझने की क्षमता का विस्तार हो.

अच्छी नींद ले: एक व्यक्ति के लिए कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेना ज़रूरी है. लेकिन मोबाइल और कंप्यूटर की वजह से हम अपनी नींद से समझौता करने लगे हैं. इसलिए दिमाग को आराम देने के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत ज़रूरी है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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