क्या है सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस जिसके कारण सिंगर अलका याग्निक नहीं सुन पाती हैं आवाजें, जानें इसके लक्षण और कारण

Sensory Neural Hearing Loss: हाल ही में प्रसिद्ध बॉलीवुड गायिका अलका याग्निक 'सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस' का पता चला है. जिसके बाद यह चर्चा का विषय बन गई है. तो आइए जानते हैं कि यह बीमारी क्या है और यह कैसे लोगों को अपना शिकार बना रही है.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Sensory Neural Hearing Loss: प्रसिद्ध बॉलीवुड गायिका अलका याग्निक को हाल ही में 'सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस' यानी गंभीर बहरेपन का पता चला है. अलका याग्निक ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट करके अपने प्रशंसकों को इस बीमारी की जानकारी दी थी. जिसके बाद लोगों ने संवेदी तंत्रिका श्रवण (Sensorineural Hearing Loss) हानि के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया. तो आइए जानते हैं कि यह बीमारी क्या है और यह कैसे लोगों को अपना शिकार बना रही है.

क्या है सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस

इस बीमारी में व्यक्ति की सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है. यह एक या तीन दिन तक चलता है.यह स्थिति कान के भीतरी भाग यानि आंतरिक कान, कोक्लीअ और श्रवण तंत्रिका को प्रभावित करती है. उम्र बढ़ने के साथ भी ऐसा होता है. इसके अलावा, कानों में 24 घंटे श्रवण यंत्र( हियरिंग पीस), इयरफोन लगाकर या तेज आवाज में संगीत सुनने से भी व्यक्ति इस रोग की चपेट में आ सकता है.

Advertisement


सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस के कारण

इस बीमारी के एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, रोजाना तेज आवाज के संपर्क में रहना (जो 85 डेसिबल से ज्यादा हो).। बालों का झड़ना भी एक कारण हो सकता है, क्योंकि घने बाल आपके कानों को ढक लेते हैं, जिसके कारण तेज आवाज कानों तक कम पहुंचती है. लेकिन कम बाल कानों को पूरी तरह से ढकने में सक्षम नहीं होंगे. कानों को पूरी तरह से ढकने वाले हेडफोन और ईयरफोन का इस्तेमाल करने से भी संक्रमण फैलने का खतरा रहता है क्योंकि बाहरी हवा कानों में प्रवेश नहीं कर पाती. रबर वाले इयरफोन के कानों में लगाने से संक्रमण का जोखिम ज्यदा रहता है.
सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस से बचने के उपाय

Advertisement

 किसी भी हियरिंग डिवाइज का प्रयोग 60% से कम वॉल्यूम में न करें साथ ही रोजाना केवल 60 मिनट तक के लिए प्रयोग करें. इससे ज्यादा  इस्तेमाल करने से हियरिंग लॉस का खतरा बढ़ जाता है.
ऐसी जगहों पर जाने से बचें जहां पार्टियां, संगीत या डीजे तेज आवाज में संगीत बजाते हों, क्योंकि आपके कान के पर्दे उनकी तेज आवाज को सहन नहीं कर पाएंगे.
बीपी और ब्लड शुगर के मरीजों को भी अपने स्वास्थ्य को लेकर संतुलन बनाए रखना चाहिए, अन्यथा इनके बढ़ने पर सुनने की क्षमता कम होने का खतरा बढ़ जाता है.
धूम्रपान, वेपिंग, हुक्का, शराब और नशीले पदार्थों से बचें, क्योंकि इनसे सुनने की क्षमता कम हो जाती है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Topics mentioned in this article