Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की एक मात्र राज्यसभा सीट पर बीजेपी के जीतने के बाद राज्य में सरकार बचाने का संकट खड़ा हो गया है. एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू कांग्रेस के पांच से छह विधायकों को अगवा होने का आरोप लगाया है. तो वहीं दूसरी और बीजेपी डेलिगेशन ने बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात कर सुक्खू सरकार के पास पूर्ण बहुमत न होने का दावा किया है. इसके साथ ही उन्होंने सदन में वित्तीय बजट के लिए मत विभाजन की मांग की है.
विधायकों को सस्पेंड कर सकती है कांग्रेस
विधायक दल के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद जयराम ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हमें कई आशंकाएं हैं. हमें आशंका है कि वे भाजपा के विधायकों को विधानसभा में सस्पेंड कर सकते हैं. कल कांग्रेस के जिन विधायकों ने भाजपा को वोट दिया उन्हें नोटिस जारी हुआ है और उन्हें भी विधानसभा में सस्पेंड करने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं. राज्यसभा चुनाव में व्हिप जारी नहीं किया जा सकता, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा किया. चुनाव आयोग के दिशानिर्देश राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग अमान्य नहीं है.'
बजट पास नहीं हुआ तो गिर जाएगी सरकार
आसान शब्दों में कहें तो बीजेपी अब सुक्खू सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है. शायद इसी मांग को लेकर बीजेपी नेता राज्यपाल से मिल रहे हैं. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात पर हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, 'हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो घटनाक्रम हुआ, उसके राजनीतिक दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.' बता दें कि हिमाचल प्रदेश के लिए अगर बजट पास नहीं हो पाया तो सुक्खू सरकार गिर जाएगी.
क्रॉस वोटिंग के कारण खड़ी हुई मुसीबत
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को बीजेपी के हर्ष महाजन के हाथों करारी हार मिली है. राज्यसभा में कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई , वहीं निर्दलीय 3 विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ नहीं दिया. ऐसा पहली बार हुआ, जब राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार की हार-जीत का फैसला पर्ची डालकर करना पड़ा, क्योंकि दोनों ही दलों के उम्मीदवारों को एक बराबर वोट मिले थे. पर्ची डालने के बाद भी कांग्रेस हार गई और बीजेपी के हर्ष महाजन राज्यसभा चुनाव जीत गए.