Farmers Delhi Chalo protest 6 March: कुछ दिन के ब्रेक के बाद आज फिर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर दिल्ली कूच (Delhi Chalo) करने वाले हैं. किसान नेता तेजवीर सिंह का कहना है कि, 'किसानों ने दिल्ली जाने की पूरी तैयारी कर ली है. आज पूरे भारत के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर (Jantar Mantar) की ओर शांतिपूर्वक मार्च करेंगे. इस मार्च में राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब के किसान प्रमुखता से भाग लेंगे.'
24 घंटे कड़ी निगरानी रखने के निर्देश
किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस भी अलर्ट हो गई है और राष्ट्रीय राजधानी की टीकरी, सिंघू और गाजीपुर सीमाओं तथा रेलवे और मेट्रो स्टेशनों एवं बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमने सिंघू और टीकरी सीमाओं पर बाधाओं को यात्रियों के लिए अस्थायी रूप से हटा दिया है. पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती अब भी वहां है और वे चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी सुनिश्चित करेंगे.'
रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर भी अलर्ट
उन्होंने बताया कि रेलवे और मेट्रो स्टेशनों तथा बस अड्डों पर अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बल पहले ही तैनात किए जा चुके हैं. किसी को भी कानून का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. विभिन्न स्थानों पर जांच तेज की जाएगी और शहर में यातायात जाम हो सकता है. किसानों ने 10 मार्च को चार घंटे के देशव्यापी 'रेल रोको' का भी आह्वान किया है.
13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं किसान
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के राष्ट्रीय निकाय ने एमएसपी की कानूनी गारंटी, बिजली संशोधन बिल के खिलाफ, कर्ज से मुक्ति, वृद्धावस्था पेंशन, श्रम संहिता को वापस लेने के मुद्दों को उजागर करने के लिए 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत का आह्वान किया है. दिल्ली तक मार्च करने का आह्वान करते हुए, किसान 13 फरवरी से अपने ट्रैक्टरों, मिनी-वैन और पिकअप ट्रकों के साथ राष्ट्रीय राजधानी की सीमा से लगे इलाकों में कई स्थानों पर डेरा डाले हुए हैं, और अन्य मांगों के साथ-साथ एमएसपी (न्यूनतम समर्थन) की गारंटी देने वाले कानून की भी मांग कर रहे हैं.
किसानों ने ठुकरा दिया था केंद्र का प्रस्ताव
18 फरवरी की आधी रात तक चली पिछले दौर की वार्ता के दौरान तीन केंद्रीय मंत्रियों के पैनल ने किसानों से एमएसपी पर पांच फसलें - मूंग दाल, उड़द दाल, अरहर दाल, मक्का और कपास - खरीदने की पेशकश की थी. केंद्र की तरफ से 5 साल का एग्रीमेंट भी तैयार करने की बात कही गई थी. हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने मांग ठुकरा दी और अपने विरोध स्थलों पर लौट आए.
'10 मार्च तक स्थिति साफ हो जाएगी'
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है, 'केएमएम और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन का यह 23वां दिन है. जैसा कि हमने पहले घोषणा की थी, अन्य राज्यों के किसान आज से दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू कर देंगे. वे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर नहीं आएंगे और इसलिए मुझे नहीं लगता कि आज कोई (दिल्ली) पहुंच पाएगा. 10 मार्च तक स्थिति साफ हो जाएगी.