Jail Ramlila News: शारदीय नवरात्र के मौके पर जगह-जगह रामलीला का आयोजन होता है. रामलीला मंचन के माध्यम से समाज को बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है, लेकिन एक जेल में इसके उलट मामला सामने आया है. जेल में हो रही रामलीला में राम की सेना में वानर बने दो कैदी सीता की खोज के बहाने जेल से फरार हो गए. जेल से भागने वाले कैदियों में एक हत्या के केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. वहीं, दूसरा किडनैपिंग के एक केस में विचाराधीन कैदी था. दोनों कैदियों की पुलिस ने तलाशी शुरू कर दी है.
सीढ़ी लगाकर कूदे दीवार
जेल में रामलीला के दौरान कैदी के फरार होने का मामला हरिद्वार की जेल का है. शुक्रवार शाम को जेल के अंदर ही रामलीला हो रही थी. जैसे ही जेल अधिकारी रामलीला में मग्न हो गए. दो कैदी मंच से खिसककर जेल परिसर में एक निर्माण स्थल पर चले गए और एक सीढ़ी के सहारे दीवार कूदकर भाग निकले. जानकारी के मुताबिक, ये दोनों कैदी रामलीला में राम की सेना (वानर) का रोल कर रहे थे. सीता की खोज के बहाने एक्टिंग करते हुए दोनों जेल से फरार हो गए.
हत्या के केस में बंद था एक कैदी
अधिकारियों ने बताया कि एक कैदी पंकज हरिद्वार के रुड़की का रहने वाला है. वह हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. वहीं, दूसरा कैदी राजकुमार उत्तर प्रदेश के गोंडा का रहने वाला है और किडनैपिंग के एक केस में विचाराधीन कैदी था. हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट कर्मेंद्र सिंह ने कहा कि जेल प्रशासन की ओर से लापरवाही बरती गई है. विभागीय और मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी. जेल अधीक्षक छुट्टी पर थे और जेलर की जिम्मेदारी थी कि वह रामलीला में व्यस्त होने के बजाय अपना काम करें.
कई अधिकारी पर गिरी गाज
जेल से फरार होने वाले कैदियों की तलाश शुरू कर दी गई है. पीटीआई न्यूज एजेंसी के अनुसार, जेलर प्यारे लाल आर्य, डिप्टी जेलर कुंवर पाल सिंह, डे हेड वार्डर प्रेमशंकर यादव, हेड वार्डर प्रभारी विजय पाल सिंह, निर्माण स्थल के प्रभारी बंदीरक्षक (जेल वार्डन) ओमपाल सिंह और हेड वार्डर प्रभारी और गेटकीपर नीलेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं.
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