Harsha Richariya: हर्षा र‍िछार‍िया महाकुंभ वापस लौटीं, न‍िरंजनी अखाड़े ने कर द‍िया बड़ा ऐलान  

Harsha Richariya Mahakumbh 2025: महाकुंभ में पहले अमृत स्‍नान पर हर्षा र‍िछार‍िया के शाही रथ पर बैठने पर व‍िवाद हो गया था. रव‍िवार (19 जनवरी) को  अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बड़ा ऐलान कर द‍िया.

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Harsha Richariya Mahakumbh 2025: व‍िवादों में घ‍िरी हर्षा र‍िछार‍िया महाकुंभ में वापस आ गईं. रविवार दोपहर बाद हर्षा श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े के शिविर में पहुंचीं. संतों ने उन्हें बेटी के रूप में नवाजा. मीड‍िया र‍िपोर्ट्स के अनुसार, अखाड़ा पर‍िषद और निरंजनी अखाड़े के अध्‍यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा क‍ि  29 जनवरी को मौनी अमावस्‍या के द‍िन दूसरे अमृत स्‍नान पर  हर्षा को न‍िरंजनी अखाड़े के शाही रथ की सवारी से संगम तक ले जाएंगे, ज‍िससे सह संतों के साथ भगवा वेष में त्र‍िवेणी की पावन धरा में पुण्‍य की डुबकी लगा सकें. 

आनंद स्‍वरूप ने जताया व‍िरोध 

शांभवी पीठाधीश्‍वर स्‍वामी आनंद स्‍वरूप ने कहा क‍ि इस तरह का कदम महंत रवींद्र पुरी को नहीं उठाना चाह‍िए. वह अखाड़ा पर‍िषद के अध्‍यक्ष भी हैं. सनातन धर्म की रक्षा की ज‍िम्‍मेदारी उन पर है, ऐसे में उन्हें मॉडल को दोबारा शाही रथ पर सवार करने का अपना इरादा त्‍याग देना चाह‍िए.

मकर संक्रांत‍ि पर हर्षा शाही रथ पर बैठी थीं 

महाकुंभ में न‍िरंजनी अखाड़े की 14 जनवरी मकर संक्रांत‍ि पर पेशवाई के दौरान हर्षा र‍िछार‍िया रथ पर बैठी थीं. हर्षा के रथ पर बैठने और इस तरह से तस्वीर खिंचवाने पर संतों ने आपत्ति जताई थी. बेंगलुरु के शाकंभरी मठ के पीठाधीश्‍वर स्‍वामी आनंद स्‍वरूप महाराज ने इसे लेकर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा है क‍ि ऐसा करना उच‍ित नहीं है. इससे समाज में गलत संदेश फैलता है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा,"धर्म को इस तरह से शोकेस‍िंग (प्रचार) का ह‍िस्‍सा बनाना खतरनाक हो सकता है. साधु-संतों को इससे बचना चाह‍िए, नहीं तो गंभीर पर‍िणाम भुगतने पड़ेंगे."

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स्‍वामी अव‍िमुक्‍तेश्‍वरानंद सरस्‍वती ने व‍िरोध जताया

स्‍वामी अव‍िमुक्‍तेश्‍वरानंद सरस्‍वती ने भी व‍िरोध जताया. उन्होंने कहा क‍ि महाकुंभ में ऐसी परंपरा शुरू करना गलत है. यह व‍िकृत मानस‍िकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा,"महाकुंभ में शरीर की सुंदरता नहीं, बल्‍कि‍ हृदय की सुंदरता को देखा जाना चाह‍िए. ये ब‍िल्कुल ठीक नहीं है क‍ि क‍िसी ऐसे व्‍यक्‍त‍ि को, जो सन्‍यास लेने या व‍िवाह करने का न‍िर्णय नहीं ले सका है, उसे रथ पर संतों और महात्‍माओं के साथ बैठाया जाए. हर्षा र‍िछार‍िया एक भक्‍त के रूप में शाम‍िल होतीं तो ठीक था. लेक‍िन उन्हें रथ पर भगवा कपड़े में बैठाना गलत है."

"महाकुंभ में शरीर की सुंदरता नहीं, बल्‍कि‍ हृदय की सुंदरता को देखा जाना चाह‍िए. ये ब‍िल्कुल ठीक नहीं है क‍ि क‍िसी ऐसे व्‍यक्‍त‍ि को, जो सन्‍यास लेने या व‍िवाह करने का न‍िर्णय नहीं ले सका है, उसे रथ पर संतों और महात्‍माओं के साथ बैठाया जाए. " - स्‍वामी अव‍िमुक्‍तेश्‍वरानंद सरस्‍वती

45 द‍िन तक महाकुंभ में रहेंगी हर्षा  

संतों के व‍िरोध के बाद हर्षा र‍िछार‍िया कुंभ छोड़कर चली गई थीं. अब उन्होंने महाकुंभ छोड़क नहीं जाने का ऐलान क‍िया है. उन्होंने कहा क‍ि पूरे 45 द‍िन तक महाकुंभ में रहेंगी. उन्होंने रव‍िंद्र पुरी को प‍िता तुल्‍य बताया था. हर्षा ने कहा क‍ि उनके ही कहने पर महाकुंभ नहीं दोड़ने का फैसला ल‍िया है. 

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