Lok Sabha Elections 2024 Schedule: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 16 मार्च को दोपहर 3 बजे किया जाएगा. शुक्रवार को दोनों नवनियुक्त चुनाव आयुक्त के पदभार ग्रहण करने के बाद निर्वाचन आयोग ने ये जानकारी साझा की है.नोटिफिकेशन में लिखा है कि आम चुनाव 2024 के साथ कुछ राज्यों में विधानसभाओं के कार्यक्रम की भी घोषणा की जाएगी. शनिवार को 3 बजे होने वाली ईसीआई की प्रेस कॉन्फ्रेंस को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइवस्ट्रीम किया जा सकेगा.
बताते चलें कि गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले चयन पैनल की सिफारिश के बाद विधि एवं न्याय मंत्रालय ने पूर्व आईपीएस ज्ञानेश कुमार और पूर्व आईपीएस सुखबीर संधू को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की थी. आज सुबह दोनों पूर्व आईएएस ने चुनाव आयुक्त का पदभार ग्रहण कर लिया. अनूप चंद्र पांडे के 14 फरवरी को सेवानिवृत्त होने और 8 मार्च को अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे के बाद से निर्वाचन आयोग में ये पद खाली थे. इन पदों के भरते ही लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान का समय घोषित कर दिया गया है.
चयन समिति में सरकार द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री-गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता सदस्य हैं. इससे पहले संभावनाएं जताई जा रही थीं कि पदभार ग्रहण करने के कुछ ही देर बाद ही दोनों चुनाव आयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकते हैं. हालांकि निर्वाचन आयोग ने एक्स पर अपनी एक पोस्ट के माध्यम से एक दिन बाद इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को करने का ऐलान किया है. चार राज्यों की विधानसभाओं के साथ लोकसभा-2024 चुनाव अप्रैल-मई में होने की उम्मीद है. हालांकि एग्जेक्ट तारीखों का ऐलान कल दोपहर तक कर दिया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को जब निरस्त किया गया था तब कुमार गृह मंत्रालय में पदस्थापित थे. कुमार को 2014 में दिल्ली में केरल के रेजिडेंट कमिश्नर के रूप में तैनाती के दौरान राज्य सरकार द्वारा युद्धग्रस्त इराक के इरबिल में फंसी 46 नर्सों को निकालने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था. इराक से 183 भारतीयों को निकालने के साथ अभियान सफल रहा था, जिनमें से 70 केरल निवासी थे. आईआईटी कानपुर से स्नातक कुमार हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव संधू ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के विचार की देखरेख की थी. वह अमृतसर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस हैं और इतिहास में मास्टर डिग्री भी हासिल कर चुके हैं. वह केदारनाथ मंदिर परिसर के पुनर्निर्माण प्रयासों की निगरानी करने में शामिल रहे थे. संधू छह महीने के सेवा विस्तार के बाद जनवरी में उत्तराखंड के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पुष्कर सिंह धामी को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद उन्हें 2021 में इस पद पर नियुक्त किया गया था. पिछले माह संधू को एक साल के कार्यकाल के लिए लोकपाल सचिव नियुक्त किया गया था. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के प्रमुख और केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं.
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