Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ में 15 सौ ज‍िंदा लोगों ने खुद का क‍िया पिंडदान, गंगा में 108 डुबकी लगाई; आज मह‍िलाएं बनेंगी नागा 

Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में माता-प‍िता सह‍ित सात पीढ़‍ियों का प‍िंडदान क‍र नागा सन्‍यासी बनने की पहली प्रक्रिया जूना अखाड़ें ने पूरा कराया. नागाओं की रहस्‍यलोक दुनिया में नागा सन्‍यासी ने प्रवेश क‍िया. 

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Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ में संगम किनारे शनिवार (18 जनवरी) को 1500 से गृहस्‍थ और युवा सांसार‍िक मोह को त्‍याग कर वैराग्‍य ले ल‍िया. श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा में नागा सन्‍यासी बन गए. हर हर महादेव के उद्घोष के बीच दीक्षा ल‍िया. घर और नातेदार से र‍िश्‍ता तोड़ ल‍िया. नागा बनने का क्रम जारी रहेगा. 19 जनवरी यानी आज मह‍िलाओं को नागा बनाने की दीक्षा दी जाएगी. इसके बाद 24 और 27 जनवरी को दोबारा दोबारा नागा सन्‍यासी बनाया जाएगा. 

गंगा पूजन करके प‍िंडदान क‍िया  

कुंभ और महाकुंभ में शैव अखाड़े जूना, न‍िरंजनी, महान‍िर्वाणी, अटल, आनंद और आवाहन नागा संन्‍यासी बनाते हैं. शन‍िवार (18 जनवरी) को संगम के तट पर अखाड़े के चार मढ़‍ियों ग‍िर‍ि, पुरी, सरस्‍वती और भारती के नागा सन्‍यासी बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. रमता पंच के श्रीमहंत न‍िरंजन भारती, रामचंद्र ग‍िर‍ि, मोहन गिर‍ि और दूध पुरी की देखरेख में सभी का मुंडन हुआ. इसके बाद मंत्रोच्चारण कराकर 108 डुबकी गंगा में लगवाई. इसके बाद गंगा पूजन करके प‍िंडदान कराया गया. 

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सांसार‍िक रूप से मृत होने की घोषणा कर दी

इसके बाद अपना प‍िंडदान करके खुद को सांसार‍िक रूप से मृत होने की घोषणा कर दी. चारों मढ़‍ियों ने पहले चरण में 1500 लोगों को नागा संन्‍यासी बनाया गया. जूना अखाड़े के अंतरराष्‍ट्रीय मंत्री श्रीमहंत चैतन्‍य पुरी ने मीड‍िया को बताया क‍ि अखाड़े में 5.3 लाख से अध‍िक नागा सन्‍यासी हैं. पंचों ने उन्हें सनातन धर्म का मर्म, अखाड़े की कार्यप्रणाली, न‍िष्‍ठा और न‍ियम के बारे में बताया. उसका पालन करने का संकल्‍प ल‍िया. रात में सभी ने हवन क‍िया. सांसार‍िक मोह माया से मुक्‍त‍ि के ल‍िए हवन क‍िया. सन्‍यास लेने वालों ने एक द‍िन पहले अन्‍न त्‍याग द‍िया था. जल और एक फल खाया. गंगा घाट पर सुरक्षा की ज‍िम्‍मेदारी अखाड़ों की चारो मढ़‍ियों के कोतवालों ने न‍िभाई.  

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मौनी अमावस्‍या पर द‍िगंबर गायत्री मंत्र द‍िया जाएगा

नागा बनने वालों को महाकुंभ के दूसरे अमृत स्‍नान मौनी अमावस्‍या पर द‍िगंबर गायत्री मंत्र द‍िया जाएगा. अखाड़े की धर्मध्‍वजा के नीचे आचार्य महामंडलेश्‍वर अवधेशानंद ग‍िर‍ि सभी को द‍िगंबर गायत्री मंत्र देंगे. इसके बाद अमृत स्‍नान में शाम‍िल क‍िया जाएगा. इसके बाद बाद सभी अखाड़े से पूरी तरह से जुड़ जाएंगे. 

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नागा बनने की प्रक्रिया 

नागा संन्‍यासी बनने वाले व्‍यक्‍त‍ि को तीन से 6 साल तक परीक्षा देनी पड़ती है. उन्हें कड़े अनुशासन में रखा जाता है. उन्‍हें त्‍याग, तपस्‍या, ब्रह्मचर्य के रूप में उतरना पड़ता है. घर-पर‍िवार से दूर रहना होता है. पूरी परीक्षा में खरा उतरने पर उसका मुंडन और प‍िंडदान कराया जाता है. नागा बनने वाले व्‍यक्‍त‍ि का नया नाम रखा जाता है. अस्‍त्र-शस्त्र की श‍िक्षा दी जाती है. उन्हें तंग तोड़ यानी ल‍िंगभंग प्रक्रिया से गुजरना होता है, ये गुप्‍त ढंग से की जाती है.