Mahakumbh 2025: अखाड़ों में हर चीज का होता है लेखाजोखा, रोज दक्ष‍िणा का होता है ह‍िसाब; गड़बड़ी पर म‍िलती है सख्‍त सजा 

Mahakumbh 2025: अखाड़े के श्रीमहंत और तीनों मुखिया महंत बही-खाते का ह‍िसाब करते हैं. कोई गड़बड़ी हुई तो रमता पंच उसको सजा सुनाते हैं. 

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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में आए अखाड़ों का कानून बहुत सख्‍त होता है. हर एक चीज का ह‍िसाब क‍िताब होता है. एक भी रुपए का घोटाला नहीं होता है. अखाड़ों के ह‍िसाब-क‍िताब के कायदे कनून बहुत सख्‍त हैं. आश्रमों, मठ, मंदिरों से हजारों संत, महंत और श‍िष्‍य जुड़े रहते हैं. पंच परमेश्‍वर की निगरानी करते हैं. अखाड़े के पूरे स‍िस्‍टम को पारदर्शी बनाए रखते हैं. आश्रम में रोज आए अरदास, दान-दक्षिणा से म‍िलने वाले पैसों का हर रोज शाम को ह‍िसाब होता है.  

द‍क्षि‍णा को बही खाते में ल‍िखते हैं 

दक्षिणा या भेंट में म‍िली हुई हर चीज ल‍िखी जाती है. आश्रमों में बकायदा वैतन‍िक मुनीम रखे गए हैं. जमात (रमता पंच) के साथ ल‍िखा-पढ़ी में परांगत कई संतों को रखा जाता है. दक्षिणा में म‍िले रुपए को बही खाते में ल‍िखा जाता है. खर्च की गई राश‍ि को भी रोज ल‍िखते हैं. 

रोज बही खाते का ह‍िसाब होता है 

रोज बही खाते का ह‍िसाब होता है. बड़ी गड़बड़ी म‍िलने पर हुक्‍का-पानी बंद कर देते हैं. समाज को बह‍िष्‍कृत भी क‍िया जाता है. पूरी तरह से लोकतांत्र‍िक व्‍यवस्‍था होती है. कई बार भूल हो जाने पर सुधरने का मौका द‍िया जाता है.  

द‍क्षि‍णा की राश‍ि को बैंक में जमा क‍रते हैं 

जूना अखाडा के अंतरराष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता श्रीमहंत नारायण ग‍िरी ने कहा क‍ि म‍िली दान, दक्षिणा और खर्च का रोज शाम को ह‍िसाब देना होता है. छावनी में लाउडस्‍पीकर लगाकर रात 9 बजे से 1 बजे तक एक-एक रुपए का ह‍िसाब होता है. उसे बैंक में जमा क‍िया जाता है. गड़बड़ी म‍िलने पर आरोपी साधु के गुरु पर‍िवार और मढ़ी को नुकसान की भरपाई करनी पड़ती है. बड़ी गड़बड़ी म‍िलने पर बह‍िष्‍कार तक क‍िया जाता है. 

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