कर्नाटक पहुंचा 'NDTV इलेक्शन कार्निवल', लोगों ने उठाए पर्यावरण, महिला शिक्षा और रोजगार के मुद्दे

यहां के लोगों ने पर्यावरण की सुरक्षा, पानी की समस्या और महिलाओं की शिक्षा से लेकर रोजगार संबंधित समस्याओं के समाधान की बात कही. 

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

NDTV Election Carnival in Karnataka: एनडीटीवी का खास कार्यक्रम 'NDTV इलेक्शन कार्निवल' (NDTV Election Carnival) कई किलोमीटर की यात्रा तय करने के बाद अब कर्नाटक में पहुंच चुका है. सभी पार्टियां तीसरे चरण के चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं. इस बार के चुनाव में कर्नाटक पर सबकी नजर बनी हुई है क्योंकि यहां  पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना के 'सेक्स स्कैंडल' की चर्चा देशभर में हो रही है. 7 मई को तीसरे चरण का चुनाव है इससे पहले ये कार्निवल कर्नाटक की जनता का मूड मापने गुलबर्गा पहुंची. यह वही गुलबर्गा है जिसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गढ़ माना जाता है.

बता दें कि चुनाव के मद्देनजर ये 'कार्निवल' जनता का मूड भांपने और माहौल को समझने को लेकर दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र का 5800 किलोमीटर सफर तय कर चुका है.

कांग्रेस नेता ने बताई खरगे के चुनाव न लड़ने की वजह

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के गुलबर्गा से चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर पार्टी के नेता किरण देशमुख ने कहा कि ये यहां की जनता, कार्यकर्ता और विधायकों की मांग थी कि राधाकृष्णा यहां से चुनाव लड़ें. राधाकृष्णा इस इलाके में बेहद लोकप्रिय हैं. मल्लिकार्जुन खरगे की पार्टी अध्यक्ष के नाते देशभर में कई जिम्मेदारियां हैं, जिसकी वजह से वो इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

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वहीं कार्यक्रम में शामिल टीएम वीराराघव ने कहा कि गुलबर्गा की सीट कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की सीट है. 2019 में बीजेपी में शामिल हुए एक विधायक ने यहां मल्लिकार्जुन खरगे को हराया था. ऐसे में इस बार कांग्रेस यहां से हर हाल में जीतना चाहेगी. क्योंकि इस बार यहां से खरगे के परिवार के लोग लड़ रहे हैं.

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विकास के मुद्दे पर बीजेपी प्रवक्ता ने जवाब

स्थानीय लोगों ने कहा कि गुलबर्गा में 5 साल से सांसद उमेश जाधव ने यहां कोई काम नहीं किया है. इस पर बीजेपी प्रवक्ता सुधा आर हल्काई ने दावा किया कि जो कांग्रेस ने 50 साल में नहीं किया, बीजेपी ने उससे ज्यादा पिछले 5 साल में कर दिया है. जल-जीवन योजना के तहत लाखों घरों में पानी हो, आवास योजना के तहत घर हो, आयुष्मान योजना का इलाज हो या गरीब कल्याण योजना के तहत फ्री में अन्न देना हो, बीजेपी ने कई काम किए हैं.

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प्रबुद्धजनों ने उठाए पर्यावरण, शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दे

कार्निवल' में शामिल एमआर मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ अरुंधति पाटिल ने कहा कि इस इलाके में पौष्टिकता की कमी है. वहीं पर्यावरण की सुरक्षा, पानी की समस्या और महिलाओं की शिक्षा पर भी और अधिक ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है. गुलबर्गा यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर डॉ चंद्रकांत यतनूर ने बताया कि भारत युवाओं को देश है, लेकिन उतने बड़े पैमाने पर रोजगार नहीं है, समाज में काफी गरीबी है. इमोशनल मुद्दों को छोड़कर इन मुद्दों पर बात किए जाने और उनके समाधान की जरूरत है.

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