मीन मलमास हुआ समाप्त, अब शुरू कर सकते हैं अपना मांगलिक कार्य

साल में दो बार मलमास होता है. सूर्य जब धनु और मीन राशि में प्रवेश करता है तो मलमास रहता है.

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End of Malmas News: करीब 1 महीने बाद मीन मलमास के खत्म होने के साथ ही 14 अप्रैल से मांगलिक कार्य शुरू हो गए हैं. अब शहनाई की गूंज एक बार फिर से सुनाई देगी. 28 अप्रैल को शुक्र के अस्त होने से पहले पांच सावे रहेंगे. जिनमें बड़ी संख्या में शादियां होंगी. इन 5 दिनों में जिलों में लगभग 1500 से ज्यादा शादियां होंगी. इसके साथ ही नींव मुहूर्त, गृह प्रवेश और मुण्डन सहित अन्य मांगलिक कार्य भी किए जा सकेंगे. 

साल में दो बार मलमास होता है. सूर्य जब धनु और मीन राशि में प्रवेश करता है तो मलमास रहता है. पहला मलमास दिसम्बर मध्य से जनवरी मध्य तक रहता है, जिसको धनु मलमास कहते हैं. इसके बाद दूसरा मलमास मार्च मध्य से अप्रैल मध्य तक रहता है, इसको मीन मलमास कहते हैं. 

अप्रैल में महज पांच सावे होंगे

ज्योतिर्विद पंडित हरि नारायण व्यास मन्नासा के अनुसार मीन मलमास समाप्त होने के बाद पहला सावा 18 अप्रैल को होगा. अप्रैल में महज पांच सावे होंगे, जो 18, 21, 22, 23 और 24 अप्रैल को होंगे. इसी महीने 18 अप्रैल को शुक्र के अस्त होने के बाद सावों पर एक बार फिर से ब्रेक लग जाएगा. तारा अस्त होने के कारण इस बार मई और जून में सावे नहीं हैं. शुक्र का उदय 5 जुलाई को होगा. शुक्र के उदय होने के बाद तीन दिनों तक बाल्यत्व दोष के कारण सावे नहीं होंगे. इसके बाद 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से पहले 11 और 12 जुलाई को सावा है.

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14 मार्च को शुरू हुआ था मलमास

मन्नासा के अनुसार 13 अप्रैल की रात को 9:05 पर सूर्य मीन राशि को छोड़कर अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश कर गए. सूर्य ने 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश किया था. इस दिन से मीन मलमास शुरू हो गया था. तब से ही शुभ कार्यों पर रोक लगी हुई थी. 18 अप्रैल को सात रेखीय सावा, 21 और 22 अप्रैल को आठ रेखीय, 23 अप्रैल को सात रेखीय सावा होगा. तारा अस्त होने के बाद 10 मई को अक्षय तृतीया 16 मई को जानकी नवमी 23 मई को पीपल पूर्णिमा का अबूझ मुहूर्त भी है. इसी प्रकार जून महीने में 16 तारीख को गंगा दशमी का भी अबूझ मुहूर्त रहेगा.

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