PM Narendra Modi Exclusive: डिजिटल क्रांति लेकर आज भारत का लोहा देश ही नहीं विदेशों में भी माना जा रहा है. देश में आम चुनाव के लिए आज पांचवें चरण का मतदान जारी है, लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं..चुनाव नतीजों का दिन जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है उत्सुकता बढ़ती जा रही है, लोग जानना चाहते हैं कि बीजेपी का 400 का नारा पास होगा या इंडिया को मिलेगा जनादेश..इस बीच पीएम मोदी ने NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगालिया से कई अहम मुद्दों पर बात की जिसमें उन्होंने आर्रटफिशियल इंटेलीजेंस पर काफी भरोसा जताया है आई जानते हैं पीएम ने AI पर क्या कहा जो भविष्य के लिए नई उम्मीदें जगा रहा है.
गरीब के एम्पावरमेंट का सबसे बड़ा साधन है डिजिटल रेवोल्यूशन
पीएम ने आगे एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि, "डिजिटल ऐंबैसी एक कल्पना है. हम काफी मात्रा में उसको प्रमोट कर रहे हैं. आपने जो डिजिटल क्रांति भारत में देखी है, शायद मैं समझता हूं कि गरीब के एम्पावरमेंट का सबसे बड़ा साधन एक डिजिटल रेवोल्यूशन है. असामनता कम करने में डिजिटल रेवोल्यूशन बहुत बड़ा काम करेगा. मैं समझता हूं कि दुनिया यह मानती है कि भारत पूरी दुनिया में एआई को लीड करेगा.हमारे पास यूथ है, विविधता है, डेटा की ताकत है."
पीएम मोदी ने कंटेंट क्रिएटर्स और गेमर्स से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा. "जब मैं कंटेंट क्रिएटर्स (गेमिंग वालों) से मिला था. उन्होंने मुझे एक चीज बड़ी आश्चर्यजनक बताई. मैंने उनसे पूछा कि क्या कारण है कि यह इतना फैल रहा है, उन्होंने बताया भारत में डेटा ( मोबाइल में नेट) बहुत सस्ता है. बाकि देशों डेटा इतना महंगा है, वे जब अन्य देशों के गेमिंग कॉम्पिटिशन में जाते है तो हैरान हो जाते है क्योंकि वहां का डेटा काफी महंगा पड़ता है... वहीं भारत में जब बाहर के लोग आते हैं तो हैरान हो जाते हैं.. कि अरे इतने में मैं..इसके कारण भारत में एक नया क्षेत्र खुल गया है."
आज ऑनलाइन सब चीज एक्सेसेबल है. भारत में कॉमन सर्विस सेंटर करीब 5 लाख से ज्यादा हैं. हर गांव में एक और बड़े गांव में 2-2, 3-3 हैं... किसी को रेलवे रिजर्वेशन करवाना है तो वह अपने गांव में ही कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर उनकी सेवा लेकर अपना काम करा लेता है.
'P2G2'. प्रो पीपल गुड गवर्नेंस को बनाया लक्ष्य
आगे एनडीटीवी से बातचीत में पीएम ने गर्वनेंस को लेकर कहा कि, "में मेरी अपने एक फिलॉसफी है. मैं कहता हूं 'P2G2'. प्रो पीपल गुड गवर्नेंस. न्यूयॉर्क में मैं प्रफेसर पॉल रॉमर्स से मिला था. नोबेल प्राइज विनर हैं. डिजिटल को लेकर उनसे मेरी काफी बातें हुईं . उन्होंने मुझे सुझाव दिया था कि आने वाले समय में लोगों को डॉक्युमेंट रखने वाले सॉफ्टवेयर की जरूरत है. इतना कहने पर जब मैंने उनसे कहा कि मेरे फोन में डिजी लॉकर है. और मैंने अपने मोबाइल फोन पर सारी चीजें दिखाईं, तो इतने वे खुश हो गए. उन्हें खुश होता देख मुझे लगा कि दुनिया जो अब सोचती है, हम उससे कई कदम इस क्षेत्र में आगे बढ़ गए हैं. जिसकी एक बानगी जी 20 में भी देखने को मिली थी जहां भारत के डिजिटल रेवोल्यूशन की चर्चा पूरी दुनिया में है."