Prayagraj Mahakumbh 2025: मकर संक्रांति पर इजरायल के तीन पर्यटक महाकुंभ पहुंचे. उन्होंने संगम में डुबकी लगाई. मंगलवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे दिगंबर अणि अखाड़े के सांत अमृत स्नान के लिए संगम जा रहे थे. उसकी मार्ग पर तीन विदेश पयर्टक पहुंचे. तीनों ने उस मार्ग की रेत को माथे पर लगाया और दो-तीन मुट्ठी रेत बैग में भर ली. मीडियाकर्मी ने पूछा तो उन्होंने कहा कि इसे येरुशल ले जाएंगे. पत्रकार के सवाल पर उन्होंने बताया कि वे इजरायल की राजधानी येरुशलम से आए हैं.
पहली बार तीनों येरुशलम से प्रयागराज आए
तीनों ने अपना नाम गिलाज, गिलेट्ज और वाड़ा बताया. तीनों येरुशलम से पहली बार प्रयागराज आए हैं. उन्होंने कहा, हमने देखा की लोग अपने सिर पर रेत छिड़क रहे हैं. हमने सोचा कि आतंकियों ने हमारे बहुत साथियों को मारा था. वहां कि मिट्टी में संगम की रेत मिलाना है. अपने दोस्तों को रेत देंगे और कहेंगे की ये संगम की रेत है, जो दुनिया में कहीं नहीं मिलेगी."
पांच दिन तक प्रयागराज में रहेंगे तीनों पर्यटक
उन्होंने बताया कि काशी के बारे में भी सुना था. वहां पांच दिन थे. 13 जनवरी को प्रयागराज आए. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर महाकुंभ का वीडियो देखकर प्रयागराज आए है. तीनों पांच दिन तक प्रयागराज में रहेंगे.
मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान हुआ
14 जनवरी को प्रयागराज में पहला अमृत स्नान हुआ. मकर संक्रांति पर करीब साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई. नागा सन्यासी जब अखाड़ों के साथ अमृत स्नान के लिए निकले तो लोग वहां की रेत को उठाकर माथे पर लगा रहे थे. लाखों श्रद्धालु साधु-संतों के दर्शन करके भाव-विभोर हो रहे थे. चारो तरफ हर-हर महादेव जयघोष हो रहा था.
शाम 6 बजे तक हुआ अमृत स्नान
अमृत स्नान सुबह 6 बजे से शुरू हुआ, जो शाम 6 बजे तक चलता रहा. जूना अखाड़ा सहित 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया. इसके लिए लोग वापस गए. रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड की ओर जाने वाली सड़कों पर देर रात तक भीड़ चलती रही.
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