भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को लगातार सातवीं बार अपनी प्रमुख ऋण दर में कोई बदलाव नहीं किया. इसे 6.5% पर ही बरक़रार रखा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह निर्णय द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में 5:1 के बहुमत से लिया गया. अपरिवर्तित रेपो दर का मतलब है कि ऋण ब्याजदरों में हालांकि कोई बदलाव नहीं है. ऐसे में सस्ते लोन के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है.
महंगाई में कमी आई, लेकिन अभी भी लक्ष्य के ऊपर
RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि, महंगाई में काफी कमी आई है लेकिन अभी भी यह 4% के लक्ष्य के ऊपर है. उन्होंने कहा, 2 साल पहले महंगाई 7.8% तक चली गई थी ल्लेकिन अब स्थिति काबू में है, महंगाई को लक्ष्य के अंदर रखना इकोनॉमी के लिए बेहद जरूरी है.
दास ने MPC मीटिंग में हुए फैसलों पर कहा, जियो-पॉलिटिकल दिक्कतों की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी पर असर पड़ा है. साथ ही ट्रेड रूट्स में आई बाधाओं की वजह से ग्लोबल ट्रेड पर असर पड़ा है. बॉन्ड यील्ड और US डॉलर में उतार-चढ़ाव के बीच इक्विटी मार्केट्स में तेजी रही
'मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब पहुंच रहा है'
दास ने यह भी कहा कि मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में मुख्य मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट आई है, जबकि ईंधन घटक लगातार छह महीनों तक अपस्फीति में रहा है. उन्होंने कहा, "चूंकि खाद्य कीमतों में अनिश्चितताएं लगातार चुनौतियां पैदा कर रही हैं, इसलिए एमपीसी मुद्रास्फीति के बढ़ते जोखिम के प्रति सतर्क है, जो अवस्फीति के मार्ग को पटरी से उतार सकती है." उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण गतिविधियों के लिए दृष्टिकोण उज्ज्वल दिखाई देता है.