हर योजना पर PM पूछते हैं- कितनी नौकरी बनेगी? पहले बजट इंटरव्यू में NDTV से बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Nirmala Sitharaman Interview: एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहला बजट इंटरव्यू किया है. जिसमें उन्होंने बजट 2024 के साथ-साथ रोजगार के मुद्दे पर भी खुलकर बातचीत की है.

विज्ञापन
Read Time: 12 mins
बजट 2024 पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ खास बातचीत.

Nirmala Sitharaman Exclusive Interview: एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ पहला बजट इंटरव्यू किया है. इसमें वित्त मंत्री ने 2024 के अंतरिम बजट के साथ-साथ कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की. रोजगार और जॉब क्रिएशन से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि हर योजना पर पीएम पूछते हैं कितनी नौकरी बनेगी? वित्त मंत्री ने आगे कहा कि नौकरी का मतलब सिर्फ किसी दफ्तर में नौकरी नहीं है. अपना कारोबार चलाने के लिए भी मदद कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वित्तीय अनुशासन के लिए सब्सिडी काटने की जरूरत नहीं है.

वित्त मंत्री ने कहा, 'सोशल वेलफेयर वो होता है जब गरीबी परिवार की मदद के लिए सरकार आगे आती है. फिर बात चाहे बच्चों के बेहतर पढ़ाई की हो, या परिवार में किसी सदस्य के इलाज की, गरीब को हर मोड़ पर मदद मिले, उसे वेलफेयर कहते हैं. हमारी सरकार उसके लिए हमेशा आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं बनाकर ये करती रही है, और आगे भी रहेगी. मगर जब सोशल वेलफेयर को जॉब से जोड़ने की कोशिश की जा जाती है तो मैं ये कहना चाहती हूं कि हर छोड़े-बड़े प्रोजेक्ट या हर पॉलिसी डिशिजन जब भी हम लेते हैं, और वो कैबिनेट में मंजूरी के लिए जाते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पहला सवाल ये होता है कि इससे जॉब्स पर क्या प्रभाव पड़ेगा? कितने लोगों को रोजगार मिलेगा? इसमें कितने लोगों को डायरेक्ट जॉब्स मिलेंगी, और कितने लोगों को इनडायरेक्ट जॉब्स मिलेंगी? ये सभी जानकारी जुटाने के बाद ही कोई पॉलिसी या प्रोजेक्ट कैबिनेट में पहुंचता है. हर एक पैसा जो इन्वेस्टमेंट के तौर पर किसी भी छोटे-बड़े प्रोजेक्ट या पॉलिसी में लगना है, उससे कितने नए रोजगार उत्पन्न होंगे, ये मापदंड हम उपयोग करते ही हैं.'

Advertisement

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि नए रोजगार का मतलब किसी दूसरे के दफ्तर में जाकर नौकरी करने से नहीं है. ये सिर्फ एक तरीका है, जो सचमुच अच्छा है. लेकिन आप में अपना बिजनेस चलाने की अगर क्षमता है, और आप इस दिशा में कोशिश करेंगे तो उसमें भी हम मदद कर रहे हैं. बिजनेस चाहे छोटा हो, बड़ा हो या मध्यम साइज का हो, सभी को हम बिना गारंटी लोन देने के लिए कई पॉलिसी बना चुके हैं. अब लोग खुद अपना व्यापार कर रहे हैं. नए व्यापार का मतलब है कि वो भी 1-2 लोगों को भी जरूर रोजगार देगा. इसीलिए इसमें जब हम प्रोत्साहन देते जा रहे हैं. इसीलिए बैंक ने कितने लोगों को बिना गारंटी बिजनेस के लिए लोन दिया, ये भी रोजगार की गिनती में आना चाहिए. 

Advertisement

LIVE TV