Formers Protest: क्या हैं किसानों की बड़ी मांगें, 'दिल्ली चलो' मार्च के लिए क्यों प्रतिबद्ध हैं किसान, जानें सबकुछ

Farmers Protest In Delhi: 'दिल्ली चलो' मार्च को लेकर सरकार ने सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा उपाय तेज कर दिए गए हैं. शहर में प्रदर्शनकारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के कड़े कदम उठाए हैं, इनमें बैरिकेड्स, कीलें लगाना, सड़क को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अर्थमूवर्स का उपयोग शामिल है.

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दिल्ली कूच करने लगे हैं किसान

Farmers Delhi Chalo March: देश में एक बार किसान लामबंद है और अपनी मांगों को सरकार से मंगवाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करने लगे हैं. राजस्थान समेत पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने मंगलवार सुबह दिल्ली की ओर कूंच कर दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसानों का 'दिल्ली चलो मार्च' को रोकने के लिए सरकारी प्रयास बेनतीजा होने के बाद किसान आंदोलनरत हैं.

राजस्थान में भी किसान आंदोलन का असर देखा जा रहा है. यही कारण है कि बीकानेर आगार ने इंटर स्टेट बसों के आवागमन पर रोक लगा दी है, जिससे फाजिल्का व बटिंडा जाने वाले सभी बसें बंद रहेगी. इससे ट्रैफिक पंजाब से सटे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ तक ही रहेगा.

पंजाब- हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन का असर हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और अनूपगढ़ में देखा जा रहा है, जिसको देखते हुए इन जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई, इसके साथ इन जिलों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया हैं. वहीं किसान आंदोलन से अछूता चूरू जिला भी नहीं है. हालांकि बड़ी संख्या में तैनात पुलिस प्रशासन किसानों को समझा कर उन्हें  दूसरे रास्ते से भेज रहे हैं. 

सवाल है कि आंदोलन पर अमादा किसानों की वो बड़ी मांगें क्या है, जिसको लेकर किसान एक बार सड़क पर आने को मजबूर हैं. हालांकि सरकार की ओर से किसान आंदोलन को रोकने के लिए कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी तक मामला शिफर रहा है.

आंदोलन पर अमादा किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों के साथ करीब 5 घंटे से अधिक बात चली, लेकिन कुछ हल नहीं निकला. आंदोलन के लिए तैयार किसानों ने कहा कि हम अपनी मांगों को पूरा करवाकर ही जाएंगे. हम 6 महीने का राशन लेकर आए हैं. 

किसान अपनी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए 14 फरवीर को दिल्ली चला मार्च का आह्वान किया है. बाजार की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी वाला कानून एक महत्वपूर्ण कदम होगा. 

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संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के सरवन सिंह पंढेर जैसे किसान नेताओं ने सभी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में संदेह व्यक्त किया है.

किसानों की प्रमुख मांगें...

किसानों के प्रमुख मांगों में एमएसपी पर कानून, बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करना, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजा और किसान आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मुदकमों को वापस लेना शामिल है. केंद्र का कहना है कि सभी मुद्दों पर सहमति बन गई, लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि दो साल पहले किए थे पूरे नहीं हुए हैं. 

समिति के गठन का प्रस्ताव 

सरकार ने एमएसपी, कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए कानूनी गारंटी पर विचार-विमर्श के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा है.किसानों का कहना है कि सम‍िति के बनने और उसकी सिफारिशों को लागू करना एक लंबी प्रक्रिया है.

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भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली

किसानों की दूसरी बड़ी मांगों में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली शामिल है. इसके अलावा किसान नेता विश्व व्यापार संगठन से वापसी और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा सहित कई मुद्दे शामिल हैं.

'दिल्ली चलो' मार्च को लेकर सरकार ने सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा उपाय तेज कर दिए गए हैं. शहर में प्रदर्शनकारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के कड़े कदम उठाए हैं, इनमें बैरिकेड्स, कीलें लगाना, सड़क को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अर्थमूवर्स का उपयोग शामिल है.

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