कौन हैं सीपी राधाकृष्णन? जो NDA से होंगे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार; अभी उनके पास क्या जिम्मेदारी

NDA Vice President Candidate: सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के तिरुपुर में पैदा हुए और आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और भारतीय जनसंघ के राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने.

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NDA से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन (फाइल फोटो)

NDA Vice President Candidate CP Radhakrishnan: उपराष्ट्रपति पद के चुनाव (Vice President Election) में एनडीए की ओर से कौन उम्मीदवार होगा? लंबे इंतजार के बाद इस सवाल का जवाब मिल गया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार (NDA Vice President Candidate Name) के नाम का ऐलान कर दिया है. जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद हो रहे उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन वाइस प्रेसिडेंट के लिए उम्मीदवार होंगे. 

कई राज्यों के रह चुके राज्यपाल

सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) अभी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. वह 31 जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इससे पहले सीपी राधाकृष्णन ने लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में काम किया था. इसके अलावा वे तेलंगाना के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं.

1974 में RSS से जुड़े राधाकृष्णन

सीपी राधाकृष्णन 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में पैदा हुए थे. इसके बाद उन्होंने 1974 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और भारतीय जनसंघ के राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने. 1996 में वह भाजपा तमिलनाडु के सचिव नियुक्त हुए. इसके बाद 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए.

तमिलनाडु बीजेपी के रहे अध्यक्ष

इसके अलावा, 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में भाषण दिया और ताइवान की पहली संसदीय यात्रा में भी शामिल हुए थे. वह 2004 से 2007 तक भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रहे. 2020 से 2022 तक भाजपा केरल के अखिल भारतीय प्रभारी रहे. साथ ही 18 फरवरी 2023 को झारखंड के राज्यपाल नियुक्त किए गए थे.

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बता दें कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहा है. धनखड़ ने राष्ट्रपति को भेजे इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था. जगदीप धनखड़ भी उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे. बंगाल के राज्यपाल रहते ममता सरकार के साथ उनका विवाद सुर्खियां में रहा. 

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