Banswara Gold Mine: बांसवाड़ा में सोने की खान से निकलेगा 11.48 करोड़ टन सोना, अंतिम चरण में नीलामी प्रक्रिया

Banswara Gold Mine Auction: कर्नाटक की रामगढ़ मिनरल्स एंड माइनिंग लिमिटेड, अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, छत्तीसगढ़ की जिंदल पावर लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और रतलाम मध्य प्रदेश की सैयद ओवैस अली कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: प्राकृतिक संपदा और अथाह जल राशि के चलते '100 टापुओं का शहर' के नाम से प्रसिद्ध जनजाति जिला बांसवाड़ा बहुत ही जल्द 'स्वर्ण नगरी' के नाम से भी पहचाना जाएगा. जिले में स्थित अरबों रुपए के सोने के भंडार का खनन करने के लिए सरकार ने दो ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया अन्तिम चरण में है. इसके साथ ही राजस्थान सोने की खदान की नीलामी करने वाला चौथा राज्य बन गया है. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और झारखंड के बाद राजस्थान में गोल्ड खदान नीलाम होगी. बांसवाड़ा के घाटोल उपखंड में खदान के लिए दो ब्लॉक आवंटित किए हैं और दोनों ब्लॉक के लिए तकनीकी बिड खुल चुकी है.

आचार संहिता हटने का इंतजार

भूखिया-जगपुरा गोल्ड ब्लॉक के माइनिंग लाइसेंस के लिए बड़ी कंपनियों के बीच कड़ी स्पर्धा है. कर्नाटक की रामगढ़ मिनरल्स एंड माइनिंग लिमिटेड, अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, छत्तीसगढ़ की जिंदल पावर लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और रतलाम मध्य प्रदेश की सैयद ओवैस अली कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन है. यह कंपनियां टेक्निकल बिड क्वालीफाई कर चुकी हैं. कांकरिया गारा गोल्ड ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए भी 5 कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन है. इसमें अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, मुंबई की पोद्दार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम की ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और कानपुर की जेके सीमेंट लिमिटेड लाइन में हैं. अब अचार संहिता हटते ही उच्च बोली दाता को गोल्ड माइंस ब्लॉक आवंटित कर दिया जाएगा.

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1,34,178 करोड़ का निकलेगा सोना

बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के क्षेत्र में सोने के विपुल भण्डार हैं. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भू-वैज्ञानिकों द्वारा इस क्षेत्र में तांबें की खोज के लिए किये जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण अयस्क के संकेत देखे गए. इस क्षेत्र में व्यापक एक्सप्लोरेशन के बाद 940.26 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आकलन किया गया है जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है. यहां स्वर्ण अयस्क के खनन के दौरान सह खनिज भी निकलेंगे.

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विदेश पर निर्भरता होगी कम

कांकरिया-गारा में आंरभिक खोज के दौरान स्वर्ण अयस्क के संकेत मिलने पर यहां फर्दर एक्सप्लोरेशन के लिए कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-नीलामी के लिए निविदा जारी की गई है. कांकरिया-जारा में 205 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 1.24 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क संभावित है. गोल्ड की इन खानों से सोने के साथ ही प्रचुर मात्रा में अन्य सह खनिज खनिज प्राप्त होगा. इससे इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, पैट्रोकैमिकल्स, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अप्रत्याशित अवसर विकसित होंगे. इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता, बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढलाई, इलेक्ट्रॉनिक उद्योग आदि को बूम मिलेगा. एयर बैग, पैट्रोकैमिकल्स उद्योग आदि और इनके कच्चे माल की आपूर्ति के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी. प्रदेश में सह खनिजों से जुड़ी इंडस्ट्रीज के नए निवेश से राजस्व और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर विकसित होंगे.

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