150 साल पुराने बारां डोल मेले का आगाज, पुलिस-प्रशासन ने बिछाई सुरक्षा की चादर; जानें क्या हैं खास इंतजाम?

Dol Mela 2025: यह आयोजन 3 सितंबर से शुरू होकर अगले 20 दिनों तक चलेगा, जिसमें बारां की स्थानीय संस्कृति और परंपराओं की झलक देखने को मिलेगी.

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Rajasthan News: हाड़ौती क्षेत्र का ऐतिहासिक डोल मेला (Dol Mela) बुधवार से शुरू हो गया है. यह 150 साल पुराना धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते हैं. इस साल इस आयोजन को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.

धारा 163 लागू, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

मेले के दौरान शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए, बारां जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने 2 सितंबर से पूरे क्षेत्र में बीएनएस की धारा 163 लागू करने के आदेश जारी किए. ये अगले 20 दिनों तक प्रभावी रहेगी. जिला प्रशासन और पुलिस ने मिलकर मेले को सुरक्षित बनाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है.

750 पुलिसकर्मी, ड्रोन और CCTV से निगरानी

बारां के पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंदासु के मुताबिक, मेले की सुरक्षा के लिए 750 पुलिसकर्मियों की एक बड़ी टीम तैनात की गई है. भीड़भाड़ वाले इलाकों और संवेदनशील स्थानों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है. इसके लिए 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. मेले के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए मेला परिसर में एक अस्थाई पुलिस स्टेशन भी बनाया गया है.

फ्लैग मार्च और शांति की अपील

आगामी त्योहारों और सामाजिक आयोजनों को देखते हुए, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है. हाल ही में, शहर के मुख्य मार्गों और संवेदनशील इलाकों में पुलिस और प्रशासन की तरफ से फ्लैग मार्च भी निकाला गया. इस दौरान जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर और पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंदासु ने आम जनता से बात की और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं.

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क्या है डोल मेले का महत्व?

बारां का डोल मेला सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि इस क्षेत्र की सदियों पुरानी परंपरा का प्रतीक है. यह आयोजन धार्मिक सद्भाव और आपसी भाईचारे को दर्शाता है. 150 साल से चली आ रही यह परंपरा हर साल हजारों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है, जिससे यह आयोजन बारां जिले का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण आयोजन बन जाता है.

श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं

प्रशासन ने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए भी कई इंतजाम किए हैं. यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए भी विशेष योजना बनाई गई है. पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंदासु ने बताया कि असामाजिक तत्वों पर सख्त नजर रखी जा रही है और किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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