50 year of Pokhran-I: 'इंतजार करो...आज बुद्ध मुस्करा रहे हैं', जानें इंदिरा गांधी के इस वाक्य से कैसे बढ़ा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का कद

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 18 मई 1974 बुध पूर्णिमा  के दिन प्रथम परमाणु परीक्षण का कोर्ड वर्ड 'स्माइलिंग बुद्धा' (Smiling Buddha) गया था.

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Pokhran Nuclear Test: जैसलमेर. 50 साल पहले भारत का पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण ( Fist Nuclear Test) किया गया था. राजस्थान के पश्चिमी हिस्से जैसलमेर जिले के पोकरण क्षेत्र (Pokhran) के लोहारकी पर 18 मई 1974 को किया गया था. जिसकी आज स्वर्ण जयंती है. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 18 मई 1974 बुध पूर्णिमा  के दिन प्रथम परमाणु परीक्षण का कोर्ड वर्ड 'स्माइलिंग बुद्धा' (Smiling Buddha) गया था. इसके परीक्षण के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाधी ने अमेरिका से कहा था कि इंतजार करो...आज बुद्ध मुस्करा रहे हैं.

जैसलमेर के पोकरण में हुआ था भारत का पहला परमाणु परीक्षण

आपको बता दें कि इस ऑपरेशन का सफल परीक्षण गोल्डन सिटी जैसलमेर के पोकरण में हुआ था, जो जैसलमेर से करीब 140 किमी दूर लोहारकी गांव के पास मलका गांव में  हुआ था. जिसके बाद से भारत ने दुनिया में अपनी परमाणु शक्ति का लोहा मनवाया था. बता दें कि, मलका गांव के जिस सूखे कुएं में पहला परमाणु परीक्षण किया गया था, वहां पर एक विशाल गड्ढा और उभरी हुई जमीन गौरवशाली पलों की कहानियां कहती है. लोहारकी गांव के प्रथम परमाणु स्थल पर वैज्ञानिकों ने बटन दबाकर जब न्यूक्लियर धमाका हुआ था तो उसकी गूंज पूरे विश्व भर में गूंजी थी. 

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घरों में आई थी दरारें, उठा था धूल का गुब्बार

प्रथम परमाणु विस्फोट स्थल के करीब के गांवों के लोग उस वक्त को याद करते हुए कहते हैं कि, अचानक 12 हजार टीएनटी क्षमता का विस्फोट किया गया था जिससे धरती में कंपन उठीं और उनके घरों में दरारें पड़ गईं. उस वक्त धमाके से एक धूल का गुब्बार भी उठा था जो कुछ देर बाद शांत हो गया था. परमाणु परीक्षण के सफल होने के बाद भारत को इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी दबाव थे. जिसके बावजूद भी  देश ने परमाणु परीक्षण करने का फैसला किया था. लेकिन बहुत कम लोग जानते है कि बुद्ध के साथ मुस्कुराहट जोड़ने की क्या कहानी थी? 

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 बुद्ध के साथ मुस्कुराहट जोड़ने की क्या कहानी थी? 

भारत में बुद्धकाल में शक्तिशाली मगध ने वैशाली राज्य पर हमला कर दिया था. मगध के पास एक राजशाही विशाल सेना थी, वैशाली में लोकतंत्र था और इसी कारण वहां के लोग यही तय करते रह गए की लड़ना है या नहीं, कैसे लड़ना है किससे लड़ना है? इसका नतीजा यही हुआ कि मगध ने वैशाली में कब्जा कर लिया. इस पर बुद्ध की प्रतिक्रिया मायूसी और नाराजगी का भाव के रूप में मिली. उनके भाव का अर्थ यही था कि शांति कायम रखने के लिए राज्य को युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार होना चाहिए. 1964 से भारत, वैशाली की तरह और चीन मगध की तरह था. और परमाणु परीक्षण की सफलता का मतलब यही था किअगर बुद्ध होते तो उस समय वे मुस्कुरा रहे होते इसीलिए इस ऑपरेशन का नाम 'स्माइलिंग बुद्धा' रखा गया था.

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