Rajasthan News: राजस्थान का बांसवाड़ा जिला मंगलवार को 510 साल का हो गया. 14 जनवरी 1515 में मकर संक्रांति के दिन ही राजा बांसिया भील ने बांसवाड़ा राज्य की स्थापना की थी. अमरथुन गांव से निकलकर वर्तमान बांसवाड़ा शहर में अपना महल बनाकर राजा बांसिया भील ने बांसवाड़ा को बसाया था. राजा बांसिया भील मूलतः घाटोल के अमरथून गांव के रहने वाले थे और जन्म से ही पराक्रमी और विस्तारवादी विकास सोच से ओतप्रोत बसिया भील ने बांसवाड़ा राज्य की स्थापना का सपना देखा था, जिसको उन्होंने 14 जनवरी 1515 मकर संक्रांति के दिन पूरा किया.
समाई माता की पहाड़ी पर मौजूद है महल
बांसवाड़ा राज्य में उस समय सिर्फ भील समुदाय के लोग ही रहते थे. अन्य प्रांतों से यहां लोग व्यापार और दूसरे कामों के लिए आते गए. राजा बांसिया भील का महल अब जर्जर हो चुका है. यह महल आज भी समाई माता की पहाड़ी पर मौजूद है. समाई माता पहाड़ी का नाम उनकी पत्नी समाई देवी के नाम से रखा गया है, जहां पर मंदिर बनाया गया है. आज भी राजा बादशाह भील द्वारा बसाए गए बांसवाड़ा राज्य की स्थापना को लेकर भील राजा बांसिया समिति की ओर से नगर परिषद के बाहर लगी अश्वारूठ प्रतिमा के बाहर परंपरागत रूप से परिधान पहन कर हजारों युवा गैर नृत्य करते हैं.
500 साल पहले जाना था जल संरक्षण का महत्व
राजा बांसिया भील ने बांसवाड़ा राज्य की स्थापना के साथ ही भविष्य में कभी पानी की कमी न रहे और जल संरक्षण का संदेश देने के लिए अपनी तीन बहनों के नाम से शहर के चारों तरफ जलाशयों का निर्माण कराया था. राजा बांसिया भील ने डायलाब तालाब, बाई तालाब, राज तालाब और नाथेलाव तालाब का निर्माण कराया था जो आज भी पूरे बांसवाड़ा शहर की प्यास बुझाने में कारगर साबित हो रही हैं.
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