राजस्थान का एक ऐसा मंदिर, जहां सूरज ढलते ही इंसान बन जाते है पत्थर! जानें क्या है इसका रहस्य

Kiradu Mandir Barmer: राजस्थान के बाड़मेर में स्थित किराडू मंदिर, जिसे 'राजस्थान का खजुराहो' कहते हैं, अपने ऐतिहासिक शिल्प और रहस्यमयी श्राप के लिए प्रसिद्ध है। जानें इस प्राचीन मंदिर समूह का इतिहास और शाम ढलते ही यहाँ क्यों नहीं रुकता कोई!

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Kiradu Mandir Barmer

kiradu Temple: राजस्थान अपने राजसी वैभव और संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. राज्य की इन रहस्यमयी जगहों को देखने के लिए कई पर्यटक यहां आते हैं, ताकि ऐतिहासिक इमारतों और उनमें छिपे रहस्यों के बारे में जान सकें. इन्हीं में से एक है बाड़मेर में स्थित किराडू मंदिर (Kiradu Temple), जिसे 'राजस्थान का खजुराहो' कहा जाता है. यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक वास्तुकला और रहस्यमयी श्राप के लिए मशहूर है. यहां आने वालों के लिए सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है कि शाम के समय इस मंदिर में सभी का प्रवेश प्रतिबंधित है. क्योंकि यहां रात में रुकने वाला व्यक्ति अगली सुबह नहीं देख पाता!

किराडू मंदिर की वास्तुकला के कारण इसे राजस्थान का खजुराहो कहा जाता है

किराडू मंदिर 11वीं-12वीं शताब्दी में निर्मित मंदिरों का एक समूह है. ये विशेष रूप से भगवान शिव और विष्णु को समर्पित हैं. इनका स्थापत्य सोलंकी शैली में बना है, जो उस समय गुजरात और राजस्थान में प्रचलित थी. पत्थरों पर की गई बारीक नक्काशी और मूर्तियां इतनी सजीव हैं कि आप उन्हें देखकर दंग रह जाएंगे. यह आपको दक्षिण भारत के मंदिरों जैसा अहसास कराएगा. यहां की मूर्तियों में खजुराहो की मूर्तियों की तरह कामुक मुद्राएं भी हैं, यही वजह है कि इसे 'राजस्थान का खजुराहो' कहा जाता है. किराडू के मंदिर मारू-गुर्जर शैली के बेहतरीन उदाहरण हैं. पौराणिक दृश्यों को दर्शाती बारीक नक्काशी, मूर्तियां और शिल्पकला देखने लायक हैं.

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माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना है

मंदिरों का यह समूह लगभग 1000 साल पुराना है और माना जाता है कि इसे परमार वंश के राजाओं ने बनवाया था. यहां पांच मुख्य मंदिर हैं, जिनमें से शिव को समर्पित सोमेश्वर महादेव मंदिर सबसे बड़ा और सबसे प्रमुख है. इस मंदिर की मूर्तियाँ और कलाकृतियां उस युग की समृद्ध कला और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण हैं.

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किराडू मंदिर का रहस्य
Photo Credit: Website

किराडू का रहस्यमयी श्राप, क्यों वीरान हो गया ये क्षेत्र?

किराडू मंदिर समूह की प्रसिद्धि का एक बड़ा कारण इससे जुड़ी एक रहस्यमयी कहानी और श्राप (Kiradu Curse) है. लोककथा के अनुसार सदियों पहले यहां एक सिद्ध संत आए थे. जब वे कहीं बाहर गए थे तो उनके शिष्य बीमारी से घिर गए थे. किसी भी गांव वाले ने उनकी मदद नहीं की, लेकिन एक कुम्हार महिला ने उनका ख्याल रखा. जब संत वापस लौटे और उन्हें इस बारे में पता चला तो वे क्रोधित हो गए. उन्होंने पूरे गांव को श्राप दे दिया कि जैसे ही सूरज डूबेगा, सभी गांव वाले पत्थर में बदल जाएंगे, क्योंकि उनमें कोई मानवीय भावना नहीं बची है. उन्होंने केवल उस कुम्हार महिला को आशीर्वाद दिया और कहा कि शाम होने से पहले वह गांव छोड़कर चली जाए. लेकिन जाते समय वह पीछे मुड़कर न देखे. लेकिन कुम्हार महिला ने जिज्ञासावश पीछे मुड़कर देखा और वह भी पत्थर में बदल गई.

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माना जाता है कि आज भी उस कुम्हारिन महिला की पत्थर की मूर्ति किराडू के पास एक जगह पर मौजूद है. इस घटना के बाद से, यह क्षेत्र वीरान हो गया और आज भी लोग सूरज ढलने के बाद यहां रुकने की हिम्मत नहीं करते. पर्यटकों और स्थानीय लोगों का मानना है कि शाम के बाद यहां रुकना जानलेवा साबित हो सकता है.

कैसे पहुंचे किराडू मंदिर

अगर आप बाड़मेर के इस रहस्यमयी मंदिर को देखना चाहते हैं तो आपको यह भी जानना चाहिए कि आप यहां कैसे आ सकते हैं.

  • किराडू मंदिर राजस्थान के बाड़मेर जिले (Barmer District) में स्थित है. यह थार रेगिस्तान के करीब है और जैसलमेर से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है.
  •  सड़क मार्ग: बाड़मेर शहर से किराडू लगभग 35-40 किलोमीटर दूर है और टैक्सी या बस से पहुंचा जा सकता है.
  • रेल मार्ग: बाड़मेर रेलवे स्टेशन सबसे नज़दीकी प्रमुख रेलवे स्टेशन है.
  •  हवाई मार्ग: जोधपुर हवाई अड्डा (Jodhpur Airport) सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है, जो लगभग 200 किलोमीटर दूर है.

किराडू मंदिर एक ऐसा स्थान है जो इतिहास, कला और रहस्य का अद्भुत संगम है। यदि आप राजस्थान घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो किराडू के प्राचीन मंदिर (Ancient Kiradu Temples) आपकी लिस्ट में ज़रूर होने चाहिए, लेकिन सूर्यास्त से पहले लौटना न भूलें!

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