वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी, अगले 100 साल में राजस्थान से गायब हो जाएगा रेगिस्तान!

Climate Change Impact on Thar Desert: अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुई इस रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो इन क्षेत्रों में हवाएं उसी तरह से बहने की संभावना है जैसे वे प्री-वार्मिंग से पहले चलती थीं.

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थार रेगिस्तान.

Rajasthan News: राजस्थान के थार मरुस्थल (Thar Desert) को लेकर वैज्ञानिकों ने एक भविष्यवाणी की है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. वर्ष 2023 में प्रकाशित अर्थ्स फ्यूचर जर्नल (Earth's Future) में यह दावा किया गया है कि इस सदी के अंत से पहले थार रेगिस्तान हरा-भरा (Green) हो जाएगा.

हवाएं चलने के तरीके में आया बदलाव

एक नई रिसर्च में सामने आया है कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक (Arctic) क्षेत्र दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में तेजी से गर्म हो रहा है. इसके गर्म होने से दुनिया भर में धूल के स्तर (Dust Level) में कमी आ रही है, जिससे रेगिस्तानों पर हवाएं चलने के तरीके में बदलाव आ रहा है. सबसे ज्यादा असर पश्चिम और दक्षिण एशिया में धूल के प्रमुख सोर्स यानी अरब प्रायद्वीप (Arabian Peninsula) और भारत-पाकिस्तान के बीच थार रेगिस्तान (Great Indian Desert) पर पड़ रहा है.

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प्री-वार्मिंग जैसी हवा चलने की संभावना

अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) के नेतृत्व में हुई इस रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो इन क्षेत्रों में हवाएं उसी तरह से बहने की संभावना है जैसे वे प्री-वार्मिंग (Pre-Warming) से पहले चलती थीं. इसलिए, दुनिया भर में उत्सर्जन शमन के साथ-साथ, रिसर्चर्स ने धूल के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए स्थानीय सरकारों द्वारा एंटी डेजर्टिफिकेशन उपायों (Anti-Desertification Measures) का यूज करने के लिए कहा है. 

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सिंचाई प्रबंधन मजबूत करने की जरूरत

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक प्रोफेसर माइकल बी मैकलेरॉय ने कहा, 'स्थानीय स्तर पर, हमें रिफोरेस्टेशन और सिंचाई प्रबंधन जैसे मजबूत एंटी डेजर्टिफिकेशन कार्यों के बारे में सोचने की जरूरत है और व्यापक जलवायु शमन रणनीतियों के साथ मिलकर शहरी स्तर की धूल सांद्रता की बेहतर निगरानी कैसे की जाए.' वहीं चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के रिसर्चर्स द्वारा की गई एक अन्य स्टडी में दुनिया भर में मरूद्यान के विस्तार और सिकुड़न के रुझान को दर्शाया गया है. उन्होंने पाया कि वैश्विक स्तर पर, 1995 से 2020 तक रेगिस्तानों में 2.2 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक की वृद्धि हुई, जो मुख्य रूप से एशिया में मरूद्यान विस्तार परियोजनाओं के कारण हुआ.

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विश्व का 17वां सबसे बड़ा रेगिस्तान

थार डेजर्ट को ग्रेट इंडियन डेजर्ट भी कहा जाता है. यह विश्व का 17वां सबसे बड़ा रेगिस्तान है और 9वां सबसे गर्म डेजर्ट है. थार का 85% भाग भारत और 15% भाग पाकिस्तान में है. रिकॉर्ड के अनुसार, राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 61.11% भाग रेगिस्तान से घिरा हुआ है. हालांकि यह रेगिस्तान गुजरात, पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में भी फैला हुआ है. गर्मियों में थार डेजर्ट की रेत उबलती है. यहां तापमान 52 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया है. जबकि सर्दियों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है. इसका मुख्य कारण है यहां की बालू रेत, जो जल्दी गर्म और जल्दी ठंडी हो जाती है. गर्मियों में मरुस्थल में तेज गर्म हवाएं चलती हैं जिन्हें 'लू' कहते हैं, जो रेत के टीलों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती हैं और टीलों को नई आकृतियां प्रदान करती हैं. हालांकि इस बार इस प्रक्रिया में बदलाव देखा गया है.

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