Mahanavmi 2024: महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को कैसे खुश करें, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा पद्धति और विधान

Chaitra Navratri Mahanavami: महानवमी का सिद्धिदात्री की पूजा और भगवान श्रीराम की जन्मदिन मनाया जाता है. इसके साथ ही महानवमी के दिन कन्यापूजन और हवन के साथ नवरात्रि संपन्न होती है.

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महानवमी पर होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना

Chaitra Navratri 2024: 9 अप्रैल को शुरू हुए चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा के बाद 17 अप्रैल को महानवमी के बाद नवरात्रि का समापन हो जाएगामाता आदिशक्ति दुर्गा की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि में महानवमी की पूजा बेहद खास है. आज महाष्टमी है और कल यानी 17 अप्रैल को महानवमी की पूजा होगी.

महानवमी (Mahanavami) का सिद्धिदात्री की पूजा और भगवान श्रीराम की जन्मदिन मनाया जाता है. इसके साथ ही महानवमी के दिन कन्यापूजन (Kanya Pujan) और हवन के साथ नवरात्रि संपन्न होती है.

चैत्र नवरात्रि 2024 को कब से कब तक रहेगी नवमी 

17 अप्रैल यानी बुधवार को चैत्र नवरात्रि 2024 की नवमी. इसे महानवमी भी कहा जा राह है. दरअसल नवरात्रि के नौंवे दिन को महानवमी मनाई जाती है. इस दिन मां की सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. 16 अप्रैल दोपहर 1.23 मिनट से लेकर कल 17 अप्रैल दोपहर 3.114 मिनट तक चैत्र नवरात्रि की महानवमी रहेगी.

नवमी की पूजा सामग्री

पंचामृत, तुलसी दल, चंदन दीया, घी, नारियल, अक्षत, कुमकुम, फूल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, बताशे, कपूर, फल व मिठाई और कलावा.

नवमी की क्या है पूजा की विधि

चैत्र नवरात्रि की नवमी राम नवमी (Ram Navami) भी होती है. इस दिन माता दुर्गा के साथ प्रभु श्रीराम की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस दिन प्रात: स्नान के बाद पूजा स्थल को गंगा जल से पवित्र कर लें. घर के सभी देवी-देवताओं को गंगा जल से अभिषेक कराएं. भगवान राम के चित्र पर तुलसी दल और फूल चढ़ाएं. प्रभु श्रीराम की आरती गाएं. इस दिन रामचरित मानस, रामायण, श्रीराम स्तुति का पाठ किया जाता है.

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नौ दिनों में सबसे श्रेष्ठ होती है महाअष्टमी और महानवमी

चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी सबसे खास माना जाता है. अष्टमी और नवमी के दिन घर-घर में देवी की पूजा, कन्या पूजन और हवन किया जाता है एक ओर. चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राम नवमी यानी श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. तो दूसरी ओर महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

महानवमी में खास है कन्या पूजन का विधान

चैत्र नवरात्रि 2024 की नवमी को कन्या पूजन करने लिए 2 से 10 साल की कन्याओं को भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है. घऱ आई कन्याओं के पैर पानी से धोकर उन्हें आसन पर बिठाकर रोली, कुमकुम और अक्षत से उनका तिलक करें और उनकी कलाई में कलावा बांधना चाहिए. कन्याओं को एक साथ भोजन परोसें और अपनी क्षमतानुमार कन्याओं को प्रसाद में फल और दक्षिणा देना चाहिए और अंत में पैर छूकर उनका आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए.. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)