Rajasthan News: देश की राजधानी दिल्ली में बने बीकानेर हाउस (Bikaner House) की कुर्की के आदेश के बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी. 21 नवंबर को कोर्ट ने हाउस की कुर्डकी का आदेश जारी किया था. जिसके बाद सरकार ने इस पर तुरंत फैसला लेने की बात कही थी. अदालत ने यह फैसला एक कंपनी को 50.31 लाख रुपये की मध्यस्थता राशि (Arbitral Award) का भुगतान नहीं करने के मामले पर सुनाया था.
नई दिल्ली में बीकानेर हाउस राजस्थान सरकार के लिए अत्यधिक महत्व रखता है. यह संपत्ति राजस्थान के मुख्यमंत्री कार्यालय, राजस्थान उच्च न्यायालय और राजस्थान के विधि अधिकारियों, जिसमें अतिरिक्त महाधिवक्ता का कार्यालय भी शामिल है. इसके अलावा, इस प्रतिष्ठित संपत्ति में कई अन्य प्रमुख कार्यालय और किराए पर दिए गए स्थान भी हैं.
अगर आज कोर्ट से राहत नहीं मिलती है, तो बीकानेर हाउस की जब्ती राजस्थान सरकार के दिल्ली में प्रशासनिक कार्यों पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है. मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारी इस परिसर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे, जिससे राज्य के लिए एक बड़ा झटका लगेगा. इस महत्वपूर्ण मामले के फैसले पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं.
जानें क्या है पूरा मामला?
कोर्ट ने 21 जनवरी 2020 को मध्यस्थता अधिकरण द्वारा पारित आदेश को लागू करने का अनुरोध वाली एक अर्जी पर यह व्यवस्था दी. 18 सितंबर को पारित आदेश में कोर्ट ने कहा था कि अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया गया. बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद देनदार अपनी संपत्ति का हलफनामा पेश करने के निर्देश का पालन करने में विफल रहा है. अदालत ने डिक्री धारक (डीएच) की ओर से पेश किए गए तर्कों से सहमति जताते हुए पाया कि देनदार की अचल संपत्ति अर्थात बीकानेर हाउस के खिलाफ कुर्की वारंट जारी करने का यह एक उपयुक्त मामला है.