Rajasthan Election 2023: टोंक में सियासी पिच तैयार, पूजा अर्चना और मेगा रोड शो के बाद सचिन पायलट ने भरा नामांकन

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टोंक में नामांकन दाखिल करते हुए सचिन पायलट.

Rajasthan News: पूरे देश की नजर इस वक्त टोंक पर है. नामांकन वाले दिन ही विधानसभा चुनाव का रिजल्ट नजर आ जाना चाहिए. कुछ दिन पहले सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने जब ये बयान दिया था तभी इस बात का अंदाजा लग गया कि आज कांग्रेस नेता के रोड शो के दौरान समर्थकों की भारी भीड़ जुटने वाली है. और ऐसा ही हुआ. मंगलवार को जब सचिन पायलट टोंक विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के लिए शहर में पहुंचे तो समर्थकों की भारी भीड़ वहां पहुंच गई. हाथों में कांग्रेस का झंडा लिए हजारों लोग पायलट के साथ नामांकन भरने निकले. ये नजारा ठीक 2018 जैसा था जब पायलट की नामांकन रैली में बड़ी संख्या में जनता उमड़ पड़ी थी.

'बहुमत के साथ हम सरकार बनाएंगे'

नामांकन पर्चा भरने के बाद जब सचिन पायलट बाहर आए तो उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, 'भाजपा ने पिछले पौने 5 साल में निष्क्रिय विपक्ष का काम किया है. विपक्षी पार्टी होने के नाते जनता के लिए जो काम बीजेपी को करना चाहिए था, वो काम करने में नाकाम रही है. यही कारण है कि आज भाजपा से लोगों का विश्वास उठ रहा है. जनता के साथ बीजेपी कार्यकर्ता भी अब थक गए हैं. कांग्रेस पर लोगों का विश्वास बढ़ा है. बहुमत के साथ हम सरकार बनाएंगे. आज हमारा दायित्व बनता है कि हम लोग पुन: मिलकर काम करें. क्योंकि ये देश की जरूरत है कि कांग्रेस पार्टी की हर राज्य में सरकार बने. राज्य में हम कामयाब होंगे. जब राज्यों में हम कामयाब होंगे, तभी 2024 के लोकसभा चुनाव में I.N.D.I.A. गठबंधन कामयाब हो सकेगा. मुझे पूरा विश्वास है. पब्लिक हमारे साथ. राजस्थान में सरकार कांग्रेस पार्टी की ही बनने जा रही है, ऐसा मैं मानता हूं.'

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भाजपा की टोंक में गुर्जर तिकड़ी

भाजपा इस बार सचिन पायलट के प्रभाव को असरदार नहीं होने देना चाहती. 2018 में हुए नुकसान को एक सबक के रूप में लेते हुए आगे बढ़ रही भाजपा ने टोंक जिले में पायलट के खिलाफ अपनी गुर्जर तिकड़ी (सुखबीर सिंह जौनापुरिया, रमेश बिधूड़ी और विजय बैंसला) को मैदान में उतारा है. क्योंकि 2018 में गुर्जरों के सचिन पायलट के पक्ष में समर्थन और मतदान का आलम यह रहा कि पूरे राजस्थान में भाजपा का एक भी गुर्जर विधायक नहीं बन सका और जितने भी टिकट दिए गए, वह सब हार गए. बस इसी से सबक लेने को भाजपा ने खास रणनीति तैयार की है. अब देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी टोंक में सचिन पायलट को कितना घेर पाती है. क्योंकि मुस्लिम, गुर्जर, माली और एससी मतदाता बाहुल्य इस सीट का इतिहास पिछले कई सालों से यही रहा है कि जिस दल का विधायक इस सीट से चुना जाता है, राजस्थान में उसी दल की सरकार बनती है.

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टोंक में कुल कितने मतदाता?

आंकड़ों पर गौर करें तो टोंक में लगभग 2 लाख 51 हजार 878 मतदाता हैं. इनमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 62 से 63 हजार के बीच है. अनुसूचित जाति (बैरवा, रेगर, खटीक, कोली, हरिजन वह अन्य जातियां) के करीब 45 से 48 हजार मतदाता हैं. गुर्जर मतदाओं की संख्या 35 से 36 हजार के बीच है. इसी तरह लगभग 17 से 19 हजार के बीच माली, 15 से 16 हजार के बीच ब्राह्मण, 1 से 14 हजार के बीच जाट, लगभग 11 हजार वैश्य-महाजन, लगभग 6 हजार राजपूत मतदाता हैं. अन्य जातियों के यहां लगभग 32 हजार वोटर्स हैं. वहीं एसटी के मतदाताओं की संख्या लगभग 12 से 13 हजार के बीच है.