वो जो फिर कभी उठ नहीं पाए...पिछले 20 साल में भारत के धार्मिक स्थलों पर हुईं भगदड़ों में गईं 1000 से ज़्यादा जानें 

Mahakumbh 2025: भारत एक विशाल देश है. जहां धार्मिक स्थलों पर भीड़ रहती है. कई बार इस भीड़ की वजह से स्थिति नियंत्रण के बाहर हो जाती है, जिससे भगदड़ मच जाती है. इन भगदड़ों में कई लोग मारे जाते हैं.

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PHOTO- AP

Mahakumbh Stampede 2025: महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर अमृत स्नान के दौरान बड़ा हादसा हो गया. भारी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने से संगम घाट पर भगदड़ जैसे हालात बन गए. इस घटना में कई श्रद्धालुओं के घायल होने की आशंका है. घायलों को त्वरित चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया.

जानकरी के मुताबिक़ भगदड़ में कुछ लोगों के हताहत होने की खबरें आ रही हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है.  

भारत एक विशाल देश है. जहां धार्मिक स्थलों पर भीड़ रहती है. कई बार इस भीड़ की वजह से स्थिति नियंत्रण के बाहर हो जाती है, जिससे भगदड़ मच जाती है. इन भगदड़ों में कई लोग मारे जाते हैं. जानते हैं पिछले 20 सालों में भारत में हुईं भगदड़ों के बारे में. 

जनवरी 2025: आंध्र प्रदेश में भारत के सबसे व्यस्त और सबसे अमीर मंदिरों में से एक के पास भगदड़ में कम से कम 6 लोग मारे गए और 35 घायल हो गए. ये घटना उस वक्त हुई थी जब हजारों श्रद्धालु निःशुल्क यात्रा पास प्राप्त करने के लिए वहां एकत्र हुए थे.

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तिरुपति बालाजी मंदिर में हुई थी भगदड़

जुलाई 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक हिंदू उपदेशक की नज़दीकी झलक पाने के लिए हजारों भक्तों की भीड़ में लगभग 121 लोगों की मौत हो गई.

हाथरस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी

जनवरी 2022: जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ के संकीर्ण मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश के बाद मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और अधिक घायल हो गए.

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वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई थी

नवंबर 2013: मध्य प्रदेश के रतनगढ़ मंदिर में भगदड़ के बाद लगभग 115 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए, जब 150000 से अधिक लोग देवी दुर्गा का नौ दिवसीय त्योहार, नवरात्रि मनाने के लिए एकत्र हुए थे.

रतनगढ़ माता मंदिर में भगदड़ से 115 लोगों की मौत हो गई थी

फरवरी 2013: उत्तर प्रदेश में कुंभ मेले के सबसे व्यस्त दिन पर भगदड़ में कम से कम 36 हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हो गई. मृतकों में से 27 महिलाएं थीं, जिनमें एक आठ साल की लड़की भी शामिल थी.

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2013 के महाकुंभ में मची भगदड़ से गई थी 36 लोगों की जान

मार्च 2010: 4 मार्च 2010 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ स्थित राम जानकी मंदिर में भगदड़ मच गई थी, जिसमें कम से कम 63 लोगों की मौत हो गई थी. यह हादसा उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में लोग मंदिर में मुफ्त बांटे जा रहे कपड़े और भोजन लेने के लिए एकत्र हुए थे. 

उत्तर प्रदेश के रामजानकी मंदिर में हुई भगदड़ में 63 लोगों की मौत हुई थी- BBC 

सितंबर 2008: राजस्थान के मेहरानगढ़ दुर्ग में चामुंडागर मंदिर में जब श्रद्धालु नवरात्रि मनाने के लिए एकत्र हुए थे. इस दौरान हुई भगदड़ में कुल 250 लोगों की मौत हुई थी. 

मेहरानगढ़ में स्थित चामुंडा माता मंदिर में हुई थी भगदड़

अगस्त 2008: हिमाचल प्रदेश में पहाड़ की चोटी पर स्थित नैना देवी मंदिर में भूस्खलन की अफवाह के कारण भगदड़ मचने से लगभग 145 हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हो गई.

जनवरी 2005: महाराष्ट्र के वाई शहर में मंधारदेवी मंदिर में भगदड़ के बाद 265 से अधिक हिंदू श्रद्धालु मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हो गए. उस समय मीडिया में रिपोर्ट आई थी कि भगदड़ मंदिर की ओर जाने वाली फिसलन भरी सीढ़ियों के कारण हुई थी.

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