उदयपुर में पकड़ा गया 'आदमखोर जानवर' पैंथर नहीं तेंदुआ निकला, जानें दोनों में क्या है अंतर

Panther vs leopard :  पिछले 120 घंटों से शिकार का खूनी खेल खेलने के बाद आखिरकार वह जानवर पिंजरे में कैद हुआ. पकड़ में आने के बाद  जब उसकी पहचान सामने आई तो पाया की झीलों की नगरी वाला आदमखोर जानवर तेंदुआ निकला

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Udaipur Panther News : राजस्थान की झीलों की नगरी उदयपुर के गोगुंदा में पिछले पांच दिनों से एक आदमखोर जानवर के आतंक से सहमी हुई थी. लोग समझ नहीं पा रहे थे कि ये जानवर किस प्रजाति का है. कोई इसे तेंदुआ कह रहा था तो कोई इसे पैंथर. लेकिन प्रशासन इसकी पहचान जानने से पहले इसे पकड़ने की पूरी कोशिश कर रहा था. क्योंकि पकड़े जाने के बाद इसकी पहचान उजागर हो जाएगी.  पिछले 120 घंटों से शिकार का खूनी खेल खेलने के बाद आखिरकार वह जानवर पिंजरे में कैद हुआ. पकड़ में आने के बाद  जब उसकी पहचान सामने आई तो पाया की झीलों की नगरी वाला आदमखोर जानवर तेंदुआ निकला पैंथर नहीं , जिसके बाद से यह चर्चा शुरू हुई की एक ही प्रजाति के होने के कारण इनमें अंतर क्या है. क्यों लोग अक्सर इन्हें पहचानने में गच्चा खा जाते है. तो चलिए जानते है इनके बीच का अंतर.

क्या है उदयपुर में पकड़े गए तेंदुए का सच

पांच दिन की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार को पकड़े गए तेंदुए को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. कोई इसे तेंदुआ बता रहा था तो कोई पैंथर. जानवर के पकड़े जाने के बाद तस्वीर साफ हो गई कि वह पैंथर है या तेंदुआ. दरअसल, पकड़े गए जानवर को पैंथर या तेंदुआ कहना एक ही बात है. क्योंकि पैंथर शब्द तेंदुए का ही मिलता-जुलता शब्द है. यह ज्यादातर एशिया महाद्वीप के बाहर के देशों में पाया जाता है, जहां से इस शब्द की उत्पत्ति हुई है. तेंदुआ (जिसे हम अंग्रेजी में लेपर्ड भी कहते हैं) भारत में पाया जाता है.

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 पैंथर और तेंदुए में क्या अंतर होता है

भारत के लेपर्ड यानी तेंदुए पैंथेरा टैक्सोनोमिक वर्गीकरण श्रेणी  का हिस्सा है. जिसमें एक विशेष समूह के सभी प्रजातियां शामिल हैं. तेंदुए की छोटी टांगें और लंबा शरीर होता है साथ में इसकी खोपड़ी भी बड़ी होती है. तेंदुए का फर आम तौर पर नरम और मोटा होता है, जो पीठ के मुकाबले पेट पर ज़्यादा नरम होता है. इसकी त्वचा का रंग हल्का पीला होता है और इसके शरीर पर काफी गहरे काले धब्बे होते हैं पर निचले हिस्से की तरफ से और पैरों के हिस्सों की ओर सफ़ेद रंग होता है और वहाँ काले धब्बे फीके पड़ जाते है। ये काले धब्बे एक गुलाब की तरह का निशान या गठन होते हैं जो तेंदुए की फर और त्वचा पर पाए जाते हैं।इसका पेट सफ़ेद रंग का होता है और इसकी वलयदार पूंछ इसके शरीर से छोटी होती है.

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