Om Ashram: राजस्थान में 28 साल बाद बनकर तैयार हुआ ओम की आकृति वाला शिव मंदिर, इस दिन होगी प्राण प्रतिष्ठा

ॐ आकार को भव्य रूप देने के लिए 28 वर्ष का समय लगा. 1995 में मंदिर निर्माण को लेकर भूमि पूजन किया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
पाली में बनकर तैयार हुआ विश्व का पहला ओम आकृति वाला शिव मंदिर.

Rajasthan News: ओम सिर्फ एक पवित्र ध्वनि ही नहीं, बल्कि अनन्त शक्ति का प्रतीक है. क्योंकि धार्मिक और आध्यात्मिक रूप में भी ॐ का विशेष महत्व है. अनेकों मंत्रों की उत्पत्ति भी ॐ से ही हुई है. देश विदेश में भगवान शिव की विशालकाय प्रतिमाएं व मंदिर भी मौजूद हैं. लेकिन प्रदेश के पाली जिले में मारवाड़ जंक्शन विधानसभा क्षेत्र के जाडन गांव में स्थित विश्वदीप गुरुकुल में दुनिया का इकलौता ॐ आकार का शिव मंदिर बनकर तैयार हुआ है, जो 500 बिगा परिसर में बना है. 

बनाने में लगे 28 साल

ॐ आकार को भव्य रूप देने के लिए 28 वर्ष का समय लगा. 1995 में मंदिर निर्माण को लेकर भूमि पूजन किया गया था. इसके साथ ही ॐ के आकार का यह दुनिया का एकमात्र भव्य मंदिर है, जहां पहाड़ और तालाब भी कृत्रिम बनाए गए हैं. 19 फरवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश भर से साधु-संत, अनुयायी व श्रद्धालु कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. यहां 500 बीघा में ॐ आकार में बने इस योग मंदिर के परिसर में और भी भवन हैं, जो सनातनी प्रतीकों के रूप में हैं. इनमें प्रमुख हैं यज्ञवेदी जैसा दो मंजिला गुरुकुल, स्वास्तिक के आकार में हॉस्टल और तारानुमा अस्पताल भवन है. लोगों को सनातन संस्कृति व योग से जोड़ने के लिए श्री अलखपुरी सिद्धपीठ परंपरा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद महाराज ने इस मूर्त रूप दिया है.

Advertisement
Advertisement

108 कमरों से दिया ॐ आकार

ॐ आकार मंदिर को मूर्त रूप देने के लिए 250 एकड़ में चार मंजिला इमारत में 108 कमरों का इस तरह निर्माण करवाया गया है ताकि ॐ आकार साकार हो. इस मंदिर का शिखर 135 फीट ऊंचा है. सबसे ऊपर वाले भाग में शिवलिंग है. शिवलिंग पर ब्रह्मांड की आकृति को जीवंत किया गया है.

Advertisement

Om Shaped Shiv Temple in Rajasthan
Photo Credit: NDTV Reporter

12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

ॐ आकार मंदिर में भगवान शिव की 1008 अलग अलग प्रतिमाओं को नाम सहित स्थापित किया गया. शिव मंदिर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्वरूप के दर्शन होंगे. साथ ही नंदी की विशाल प्रतिमा बनाई गई है. यहां सूर्य मंदिर भी है, जो अष्टखंड में बना है. शिव मंदिर चार खंडों में बंटा है. एक हिस्सा जमीन के अंदर बना है. जबकि तीन हिस्से जमीन के ऊपर हैं. बीचों-बीच स्वामी माधवानंद की समाधि है. समाधि के चारों तरफ सप्त ऋषियों की मूर्तियां हैं.

19 फरवरी को प्राण प्रतिष्ठा

ॐ आकार शिव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 19 फरवरी को किया जाएगा. समारोह को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है. 10 से 18 फरवरी तक शिव पुराण कथा का आयोजन किया जाएगा. समारोह में देशभर से साधु-संत और श्रद्धालु आएंगे. वहीं विदेशों से लगभग 3000 से ज्यादा अनुयायियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. ये सभी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था आश्रम परिसर में विशेष कॉटेज बनाकर की जा रही है.