कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना

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Somu Anand

किरोड़ी लाल मीणा खबरों के खिलाड़ी हैं. वे हेडलाइन बनना जानते हैं. वे बोलते हैं तो सुर्खियां बटोरते हैं, और उनकी खामोशी पर भी विश्लेषक नजरें टिकाए रहते हैं. यूं तो मीडिया उनके हर एक्शन पर नजर रखता है, लेकिन अगर वे अपने किसी एक्शन पर मीडिया का ध्यान चाहें तो उसके पीछे कुछ बड़ा मकसद होगा.

दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा बुधवार को SOG के दफ्तर पहुंचे. वे एसओजी मुख्यालय जाने वाले हैं, इसकी सूचना उनके कार्यालय से मीडियाकर्मियों को दी गई. अंदर जाते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वे एसआई भर्ती परीक्षा, रीट परीक्षा और आरएएस परीक्षा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज एसओजी को देने आए हैं. इसमें ऐसे सबूत हैं, जिनसे बड़े मगरमच्छ पकड़े जाएंगे. इसके बाद वे एसओजी के ADG वीके सिंह से मिले. करीब 1 घंटे दोनों की मुलाकात हुई. 

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मुलाकात के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने बाहर आकर मीडिया को बताया कि उन्होंने एसओजी के एक इंस्पेक्टर और सिपाही की शिकायत एसओजी के मुखिया वीके सिंह से की है.

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उन्होंने बताया कि एसओजी के इंस्पेक्टर मोहन पोसवाल ने पेपर लीक माफिया से 64 लाख रुपए लिए.

मोहन पोसवाल ने पेपर लीक के मामले में कई दोषियों को बचाया, कई निर्दोष लोगों को फंसाया. भूपेंद्र सारण ने 2022 में पत्र लिखकर किरोड़ी लाल मीणा को इसकी जानकारी दी थी.

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इसके आलावा उन्होंने रीट परीक्षा और आरएएस भर्ती परीक्षा में हुई अनियमितता में कांग्रेस के नेताओं के शामिल होने की बात दोहराई. यह आरोप किरोड़ी लाल मीणा पहले भी लगाते रहे हैं, लेकिन एसओजी के इंस्पेक्टर पर लगाया गया आरोप चौंकाता है. क्योंकि उन्होंने न सिर्फ शिकायत की, बल्कि इसे सार्वजनिक भी किया.

यहां गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने उन नेताओं के नाम सार्वजनिक नहीं किए जिन्हें वे "बड़ा मगरमच्छ" बता रहे हैं.

एसओजी पेपर लीक मामलों की जांच कर रही है. अब तक इस मामले में 100 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं. फर्जी डिग्री बांटने वाले विश्वविद्यालयों का भी खुलासा हुआ है. इस मामले में हो रही कार्रवाई ने युवाओं में भरोसा पैदा किया था. मुख्यमंत्री की आलोचना में कांग्रेस के नेताओं ने जो भी कहा, लेकिन युवाओं ने यह माना कि सरकार ने पेपर लीक मामले में गंभीरता दिखाई है. सोशल मीडिया पर युवा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और एसओजी की तारीफ करते नजर आते हैं. पेपर लीक मामलों में हुई कार्रवाई मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अब तक के कार्यकाल का सबसे बड़ा हासिल है. यह एसओजी की वजह से संभव हुआ है.

उसी एजेंसी के कर्मियों को कटघरे में लाकर किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

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क्या किरोड़ी लाल मीणा कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना लगा रहे हैं? क्या उनके इस एक्शन से एसओजी की साख पर सवाल नहीं उठेंगे? क्या युवाओं का भरोसा बरकरार रहेगा? ऐसे कई सवाल राजनीतिक गलियारों में तैर रहे हैं.

किरोड़ी लाल मीणा सड़क पर संघर्ष करने के लिए जाने जाते हैं. यही वजह है कि उन पर युवाओं का भरोसा है. इस सरकार में आरएएस मुख्य परीक्षा की तारीख बढ़ाने के लिए जब आंदोलन हुआ तो किरोड़ी ने उसमें अग्रणी भूमिका निभाई. किरोड़ी लाल मीणा ने यह साफ कर दिया है कि एसओजी ने 15 दिनों में कार्रवाई नहीं की तो वे सत्याग्रह करेंगे. सवाल है कि जिस एजेंसी ने सरकार की साख बढ़ाई, क्या अब उसके खिलाफ किरोड़ी आंदोलन पर जा रहे हैं? क्या कांग्रेसी नेताओं की आड़ लेकर वे कहीं और निशाना लगाना चाहते हैं?

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.